गाजा संकट: अमेरिका ने पाकिस्तान की भूमिका पर जताई उम्मीद, क्या बनेगा अंतरराष्ट्रीय बल?
अमेरिका का पाकिस्तान के प्रति सकारात्मक संकेत
नई दिल्ली: गाजा में चल रहे संघर्ष को समाप्त करने और स्थिरता लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के बीच, अमेरिका ने पाकिस्तान की भूमिका को लेकर महत्वपूर्ण संकेत दिए हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका, गाजा में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल (International Stabilization Force – ISF) के लिए पाकिस्तान की सकारात्मक सोच और सहयोग की पेशकश के लिए आभारी है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मिशन के लिए किसी भी देश से औपचारिक सहमति अभी तक नहीं मांगी गई है और न ही किसी ने आधिकारिक रूप से सहमति दी है।
पाकिस्तान की भूमिका पर अमेरिका की प्रतिक्रिया
स्टेट डिपार्टमेंट में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रुबियो से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान ने गाजा में शांति स्थापना के लिए सैनिक भेजने पर सहमति दी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने इस मिशन का हिस्सा बनने या कम से कम इस पर गंभीरता से विचार करने की इच्छा जताई है, जिसके लिए अमेरिका उनका आभारी है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रक्रिया अभी प्रारंभिक चरण में है और कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
अन्य देशों की भागीदारी की संभावना
रुबियो ने आशा जताई कि गाजा में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय बल में केवल पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि अन्य कई देश भी शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देश हैं जो इस संघर्ष के सभी पक्षों के लिए स्वीकार्य हैं और जो शांति स्थापना के प्रयासों में आगे आने को तैयार हैं। अमेरिका की कोशिश है कि यह बल संतुलित और व्यापक अंतरराष्ट्रीय समर्थन के साथ गठित हो, ताकि इसकी वैधता और प्रभावशीलता बनी रहे।
ट्रंप प्रशासन की शांति योजना
रुबियो की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब ट्रंप प्रशासन को इजरायल-हमास युद्ध को समाप्त करने की अपनी योजना को आगे बढ़ाने में कई कूटनीतिक और राजनीतिक बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिका गाजा में युद्धविराम के बाद एक स्थायी प्रशासनिक और सुरक्षा ढांचा स्थापित करना चाहता है, लेकिन इसके लिए क्षेत्रीय सहमति और अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाना आसान नहीं है।
पाकिस्तानी सेना प्रमुख की भूमिका
इस बीच, रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के लिए यह एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक परीक्षा हो सकती है। खबरों में कहा गया है कि वाशिंगटन पाकिस्तान पर गाजा मिशन में योगदान देने का दबाव बना रहा है। संभावना है कि जनरल मुनीर आने वाले हफ्तों में अमेरिका का दौरा कर सकते हैं और इस दौरान पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी मुलाकात हो सकती है।
पाकिस्तान का सावधानीपूर्ण रुख
पाकिस्तान ने इस मुद्दे पर अपना रुख सावधानी से रखा है। विदेश मंत्री इशाक डार पहले ही कह चुके हैं कि पाकिस्तान शांति स्थापना में योगदान देने पर विचार कर सकता है, लेकिन हमास को निरस्त्र करना उसकी जिम्मेदारी नहीं होगी। कई देशों की चिंता है कि अगर ISF के जनादेश में हमास का निरस्त्रीकरण शामिल किया गया, तो वे सीधे संघर्ष में फंस सकते हैं और अपने देशों में राजनीतिक विरोध का सामना कर सकते हैं।
गाजा के भविष्य के लिए बोर्ड ऑफ पीस
अमेरिका गाजा के भविष्य के लिए एक बोर्ड ऑफ पीस बनाने की योजना पर भी काम कर रहा है, जो युद्ध के बाद वहां के प्रशासन और पुनर्निर्माण की निगरानी करेगा। रुबियो ने कहा कि जब यह बोर्ड और एक फिलिस्तीनी टेक्नोक्रेटिक प्रशासनिक ढांचा तैयार हो जाएगा, तभी अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल के स्वरूप, खर्च और जिम्मेदारियों को अंतिम रूप दिया जाएगा।
