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गाजियाबाद में फर्जी दूतावास का खुलासा: चार माइक्रोनेशन का नाम

गाजियाबाद में एक फर्जी दूतावास के खुलासे ने चार काल्पनिक देशों का नाम उजागर किया है। उत्तर प्रदेश की विशेष कार्य बल ने हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार किया, जो इन देशों के नाम पर लोगों को धोखा दे रहा था। जानें इन माइक्रोनेशन के बारे में, जो किसी भी मान्यता प्राप्त संप्रभु राज्य से वंचित हैं। क्या ये देश वास्तव में मौजूद हैं? इस लेख में जानें इनकी सच्चाई और स्थिति।
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गाजियाबाद में फर्जी दूतावास का खुलासा: चार माइक्रोनेशन का नाम

गाजियाबाद में फर्जी दूतावास का मामला

गाजियाबाद में फर्जी दूतावास: उत्तर प्रदेश की विशेष कार्य बल ने गाजियाबाद में एक नकली दूतावास के माध्यम से ठगी करने वाले हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार किया है। जैन ने पश्चिमी आर्कटिका, सेबोर्गा, पॉलोवाई और लाडोनिया जैसे काल्पनिक देशों के नाम पर लोगों को धोखा दिया। जैसे ही उसका मामला सामने आया, ये नाम सुर्खियों में आ गए हैं। मानचित्र पर खोजने पर भी इन देशों की कोई जानकारी नहीं मिलती है, और ये विश्व मानचित्र पर भी नहीं हैं।


माइक्रोनेशन की परिभाषा

माइक्रोनेशन क्या होते हैं?

माइक्रोनेशन वे क्षेत्र होते हैं जिन्हें किसी मान्यता प्राप्त संप्रभु राज्य से मान्यता नहीं मिलती, लेकिन वहां के लोग इसे एक देश मानते हैं। इन देशों के पास अपना पासपोर्ट नहीं होता और इनके नागरिकों को अन्य देशों में सीधे प्रवेश नहीं दिया जाता।

वर्तमान में दुनिया में 53 माइक्रोनेशन हैं, जबकि 25 से अधिक माइक्रोनेशन समाप्त हो चुके हैं। हाल ही में दो नए देशों को माइक्रोनेशन की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव है।


इन चार देशों का विवरण

ये 4 देश कहाँ हैं?

1. पश्चिमी आर्कटिका: यह कथित तौर पर अंटार्कटिका के निकट स्थित एक माइक्रोनेशन है, जिसका नाम 2001 में सामने आया। इसे ट्रैविस मैकहेनरी ने स्थापित किया था, लेकिन अमेरिकी सैनिकों के दबाव के बाद उन्होंने इससे दूरी बना ली। इसे किसी भी देश ने मान्यता नहीं दी है।

2. सेबोर्गा: यह इटली और फ्रांस की सीमा पर एक गाँव है, जिसे वहां के निवासियों ने अपना देश घोषित किया है। इसकी जनसंख्या 283 है, और इसे किसी भी देश ने मान्यता नहीं दी है।

3. लाडोनिया: स्वीडन के पास स्थित लाडोनिया भी खुद को एक देश मानता है, लेकिन इसे भी मान्यता नहीं मिली है। यहां लगभग 22,000 लोग रहते हैं।

4. पॉलोवाई: यह दुनिया का सबसे पुराना माइक्रोनेशन है, जो लिथुआनिया के पास स्थित है और यहां लगभग 800 लोग रहते हैं। इसे भी किसी देश ने मान्यता नहीं दी है।