गुजरात के गंभीरा ब्रिज से केमिकल टैंकर को निकालने का सफल अभियान

विशेष रेस्क्यू ऑपरेशन का संचालन
गुजरात के आणंद जिले में गंभीरा ब्रिज पर लटके केमिकल से भरे टैंकर को निकालने के लिए एक विशेष रेस्क्यू अभियान चलाया गया। यह टैंकर पिछले 27 दिनों से पुल पर लटका हुआ था, जिसे हटाने के लिए पोरबंदर की मरीन इमरजेंसी रिस्पांस सेंटर की विशेषज्ञ टीम मौके पर पहुंची। कलेक्टर प्रवीण चौधरी ने बताया कि इस ऑपरेशन में टैंकर के नीचे एक विशेष न्यूमेटिक एयरबैग रखा गया, जिससे उसे धीरे-धीरे ऊपर उठाया गया।
सुरक्षित तरीके से टैंकर को हटाना
इसके अलावा, एक 900 मीटर लंबी लोहे की केबल को टैंकर से जोड़ा गया, जिसे हाइड्रोलिक सिस्टम की मदद से खींचा गया ताकि टैंकर को सुरक्षित रूप से पुल से हटाया जा सके। इस पूरे अभियान का संचालन पुल से 900 मीटर दूर स्थित कंट्रोल रूम से किया गया, जो अप्रोच रोड पर है। रेस्क्यू कार्य पूरी सतर्कता और सुरक्षा के साथ किया गया है ताकि किसी भी व्यक्ति या पुल की संरचना को नुकसान न पहुंचे।
उन्नत तकनीकों का उपयोग
कलेक्टर ने बताया कि पोरबंदर की मरीन सल्वेजिंग टीम ने अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग किया। इस अभियान में न्यूमेटिक एयरबैग, हाइड्रोलिक स्ट्रैंड जैक और इंजीनियर्ड हॉरिजॉन्टल कैंटिलीवर जैसे उपकरण शामिल थे। यह भारत में एक दुर्लभ और तकनीकी रूप से जटिल रेस्क्यू ऑपरेशन माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले महीने 9 जुलाई को आणंद-वडोदरा को जोड़ने वाला ब्रिज टूट गया था, जिसमें 21 लोगों की जान गई थी।
एयर बैलून तकनीक का प्रयोग
इस केमिकल से भरे टैंकर को एयर बैलून तकनीक की मदद से हटाया गया। टैंकर के पीछे लंबी रस्सियां भी तैयार की गई थीं। अन्य खाली गुब्बारे भी अतिरिक्त तैयार किए गए थे। आपको बता दें कि टैंकर को उतारने में किसी भी क्रेन का प्रयोग नहीं किया गया। पहली बार एयर लिफ्टिंग बैलून तकनीक का उपयोग कर पुल पर लटके टैंकर को सावधानी से नीचे उतारा गया। इस तकनीक में हवा से भरे विशेष गुब्बारे को मोटी ट्यूब से बांधकर टैंकर को ऊपर उठाया गया।