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गोवर्धन असरानी का निधन: भारतीय सिनेमा के दिग्गज का योगदान हमेशा याद रहेगा

भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता गोवर्धन असरानी का निधन दिवाली के दिन हुआ। 84 वर्ष की आयु में उनका निधन स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हुआ। पीएम नरेंद्र मोदी ने उनके योगदान को याद करते हुए गहरा दुख व्यक्त किया। असरानी को फिल्म 'शोले' में जेलर के किरदार के लिए जाना जाता है। उन्होंने कई हिट फिल्मों में काम किया और अपनी कॉमेडी से दर्शकों को हंसाया। जानें उनके जीवन और करियर के बारे में और कैसे उन्होंने भारतीय सिनेमा में अपनी छाप छोड़ी।
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गोवर्धन असरानी का निधन: भारतीय सिनेमा के दिग्गज का योगदान हमेशा याद रहेगा

गोवर्धन असरानी का निधन

गोवर्धन असरानी का निधन: भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता गोवर्धन असरानी का निधन दिवाली के दिन, 20 अक्टूबर को हुआ। वह लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से ग्रस्त थे और 84 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांस ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि गोवर्धन असरानी का भारतीय सिनेमा में योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, 'श्री गोवर्धन असरानी जी के निधन से मैं अत्यंत दुखी हूँ। एक प्रतिभाशाली मनोरंजनकर्ता और बहुपरकारी कलाकार, उन्होंने कई पीढ़ियों के दर्शकों का मनोरंजन किया। उनके अविस्मरणीय अभिनय ने अनगिनत लोगों के जीवन में खुशी और हंसी का संचार किया। भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएँ। ॐ शांति।'

गोवर्धन असरानी को फिल्म 'शोले' में जेलर के किरदार के लिए आज भी याद किया जाता है, जिसमें उनका प्रसिद्ध डायलॉग 'हम अंग्रेजों के जमाने के जेलर हैं' बहुत लोकप्रिय हुआ। उन्होंने 'मेरे अपने', 'बावर्ची', 'अभिमान', 'चुपके चुपके', 'छोटी सी बात', 'भूल भुलैया', 'बंटी और बबली 2', 'वेलकम', और 'ऑल द बेस्ट' जैसी कई हिट फिल्मों में काम किया। उनकी कॉमेडी ने दर्शकों को खूब हंसाया, लेकिन अब वह सबको रुलाकर चले गए।