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ग्रीस और तुर्की के बीच हवाई शक्ति की नई प्रतिस्पर्धा: राफेल और यूरोफाइटर की खरीद

ग्रीस और तुर्की के बीच का पुराना तनाव अब हवाई शक्ति की प्रतिस्पर्धा में बदलता जा रहा है। दोनों देश लड़ाकू विमानों की खरीद में जुटे हैं, जिसमें ग्रीस फ्रांस से राफेल F4 और तुर्की यूरोफाइटर टाइफून खरीदने की योजना बना रहा है। यह प्रतिस्पर्धा केवल तकनीकी श्रेष्ठता की लड़ाई नहीं है, बल्कि क्षेत्रीय प्रभाव और रणनीतिक प्रभुत्व का भी संकेत है। जानें कैसे यह स्थिति नाटो और यूरोपीय सुरक्षा ढांचे को प्रभावित कर सकती है।
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ग्रीस और तुर्की के बीच हवाई शक्ति की नई प्रतिस्पर्धा: राफेल और यूरोफाइटर की खरीद

एजियन सागर में बढ़ता तनाव


नई दिल्ली : तुर्की और ग्रीस के बीच का पुराना तनाव अब हवाई शक्ति की प्रतिस्पर्धा में बदलता जा रहा है। दोनों देशों के बीच एजियन सागर में वायुसीमा और समुद्री अधिकारों को लेकर विवाद पहले से ही मौजूद है, लेकिन अब यह प्रतिस्पर्धा लड़ाकू विमानों की खरीद तक पहुंच गई है। तुर्की यूरोप के यूरोफाइटर टाइफून जेट्स खरीदने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है, जबकि ग्रीस ने फ्रांस से राफेल F4 वैरिएंट खरीदने की योजना बनाई है।


ग्रीस का फ्रांस के साथ सहयोग

ग्रीस का फ्रांस की ओर रुख
ग्रीस पहले से ही फ्रांस से खरीदे गए राफेल विमानों का उपयोग कर रहा है, और अब वह F4 कॉन्फ़िगरेशन वाले राफेल जेट्स खरीदने में रुचि दिखा रहा है। रिपोर्टों के अनुसार, यह अपग्रेड केवल तकनीकी सुधार नहीं है, बल्कि 2030 तक तुर्की के खिलाफ हवाई श्रेष्ठता हासिल करने की रणनीति का हिस्सा है। ग्रीस अपने हवाई बेड़े को आधुनिक बनाने की योजना बना रहा है ताकि वह तुर्की के किसी भी हवाई अभियान का प्रभावी जवाब दे सके।


तुर्की की तैयारी

यूरोफाइटर टाइफून खरीदने के करीब तुर्की
दूसरी ओर, तुर्की यूरोफाइटर टाइफून खरीदने के लिए तैयार है और वह इन जेट्स को Meteor मिसाइलों से लैस करने की योजना बना रहा है। ये Meteor मिसाइलें ग्रीस के राफेल जेट्स में पहले से मौजूद हैं, जिससे दोनों देशों के बीच तकनीकी संतुलन बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो गया है। तुर्की का लक्ष्य अपनी वायुसेना को इतना सक्षम बनाना है कि वह क्षेत्र में किसी भी संभावित खतरे का सामना कर सके।


राफेल F4 की विशेषताएँ

राफेल F4 की तकनीकी ताकत
राफेल F4 वैरिएंट केवल एक उन्नत संस्करण नहीं है, बल्कि यह भविष्य की हवाई लड़ाई के लिए एक संपूर्ण समाधान माना जा रहा है। इसमें Link 16 डेटा लिंक, सुरक्षित संचार नेटवर्क, और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली शामिल हैं, जो ग्रीस को दुश्मन के सिग्नल जैमिंग से बचाते हुए बेहतर समन्वय की क्षमता प्रदान करते हैं।


जमीन और हवा दोनों पर सटीक निगरानी की शक्ति
इसमें AESA रडार और IRST (Infrared Search and Track) सिस्टम जोड़े गए हैं, जो इसे जमीन और हवा दोनों लक्ष्यों पर सटीक निगरानी की शक्ति देते हैं। यह सिस्टम स्टेल्थ विमानों को भी बिना रेडार उत्सर्जन किए पहचान सकता है। स्कॉर्पिन हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले (HMD) और SPECTRA सेल्फ-प्रोटेक्शन सूट इस जेट को आधुनिकतम फाइटर विमानों की श्रेणी में लाते हैं।


भविष्य की रणनीतियाँ

एजियन सागर के ऊपर ग्रीस और तुर्की की प्रतिस्पर्धा
ग्रीस की योजना केवल हवाई सुरक्षा तक सीमित नहीं है; वह भारत जैसे देशों के साथ लंबी दूरी की मिसाइल तकनीक पर भी चर्चा कर रहा है ताकि भविष्य में क्षेत्रीय संतुलन उसके पक्ष में रहे। वहीं, तुर्की भी यूरोप के साथ अपने रक्षा सहयोग को मजबूत करने में जुटा है। एजियन सागर के ऊपर ग्रीस और तुर्की की यह हवाई प्रतिस्पर्धा न केवल तकनीकी श्रेष्ठता की लड़ाई है, बल्कि यह क्षेत्रीय प्रभाव और रणनीतिक प्रभुत्व का संकेत भी है। आने वाले वर्षों में दोनों देशों की यह होड़ नाटो और यूरोपीय सुरक्षा ढांचे को भी नए सिरे से परिभाषित कर सकती है।