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चीन का नया मिसाइल रक्षा नेटवर्क: अमेरिका के सपनों को किया साकार

चीन ने हाल ही में एक अत्याधुनिक मिसाइल रक्षा नेटवर्क विकसित किया है, जो 1000 मिसाइलों को एक साथ ट्रैक करने में सक्षम है। यह प्रणाली अमेरिका के गोल्डन डोम कार्यक्रम को चुनौती देती है, जो अभी भी विकास के चरण में है। विश्लेषकों का मानना है कि यह तकनीकी उपलब्धि भू-राजनीतिक शक्ति संतुलन में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है। जानें इस नई प्रणाली के बारे में और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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चीन का नया मिसाइल रक्षा नेटवर्क: अमेरिका के सपनों को किया साकार

चीन का एयर डिफेंस सिस्टम


चीन का एयर डिफेंस सिस्टम: जब अमेरिका ने 'गोल्डन डोम' नामक एक महत्वाकांक्षी मिसाइल रक्षा योजना की शुरुआत की थी, तो इसका उद्देश्य स्पष्ट था: पृथ्वी को एक ऐसे अंतरिक्ष कवच में ढालना जो किसी भी दिशा से आने वाले परमाणु खतरों को बेअसर कर सके। लेकिन बीजिंग ने वह कर दिखाया, जो वाशिंगटन केवल कल्पना में देखता रहा है।


चीन ने हाल ही में 'बिग डेटा प्लेटफॉर्म' नामक एक वैश्विक मिसाइल रक्षा नेटवर्क का प्रोटोटाइप विकसित किया है, जिसे सक्रिय रूप से तैनात भी किया गया है। इस कदम ने विश्व शक्ति संतुलन के समीकरण को हिला कर रख दिया है।


1000 मिसाइलों को ट्रैक करने की क्षमता

नानजिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी के प्रमुख वैज्ञानिक ली जुदोंग के नेतृत्व में विकसित यह प्रणाली, पृथ्वी के किसी भी हिस्से से चीन पर दागी गई 1000 तक मिसाइलों को एक साथ ट्रैक करने में सक्षम है। यह नेटवर्क अंतरिक्ष, समुद्र, वायु और भूमि पर फैले सेंसरों से डेटा को एकीकृत करता है और वास्तविक समय में खतरे की पहचान, विश्लेषण और प्रतिक्रिया तय करता है।


इसकी सबसे बड़ी ताकत केवल तकनीकी नहीं, बल्कि सामरिक सोच में भी है। पीएलए की यह प्रणाली पारंपरिक रडार और उपग्रह सीमाओं से परे जाकर मल्टी-सोर्स डेटा इंटीग्रेशन और एआई-संचालित निर्णय-निर्माण पर आधारित है।


अमेरिका का 'गोल्डन डोम': अधूरा सपना

इसके विपरीत, अमेरिका का 'गोल्डन डोम' कार्यक्रम अब भी अस्पष्टता और बजट विवादों में उलझा हुआ है। ट्रंप प्रशासन ने इसका खाका पेश किया था, एक अंतरिक्ष आधारित, एआई चालित रक्षा ढाल, जो किसी भी मिसाइल को उड़ान भरते ही खत्म कर सके। लेकिन पेंटागन के भीतर बजटीय खींचतान, तकनीकी मतभेद और नौकरशाही देरी ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया है।


जुलाई में अमेरिकी स्पेस फोर्स के जनरल माइकल गुएटलिन ने खुद स्वीकार किया कि किसी को भी, यहां तक कि मुझे भी गोल्डन डोम की वास्तविक स्थिति की जानकारी नहीं है।


विश्लेषकों की राय

विश्लेषकों का मानना है कि चीन की यह उपलब्धि केवल तकनीकी छलांग नहीं, बल्कि भू-राजनीतिक शक्ति परिवर्तन का संकेत है। जहां अमेरिका अभी भी रक्षा के भविष्य की रूपरेखा बना रहा है, वहीं चीन ने इसे वास्तविकता में बदल दिया है। यह अंतर न केवल रक्षा रणनीति में बल्कि वैश्विक नेतृत्व की धारणा में भी बड़ा फर्क लाएगा।