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चीन के गांवों में बढ़ता असंतोष: 661 विरोध प्रदर्शन दर्ज

चीन के ग्रामीण क्षेत्रों में असंतोष की लहर तेजी से बढ़ रही है, जहां इस वर्ष 661 विरोध प्रदर्शन दर्ज किए गए हैं। गुइझोउ प्रांत में एक नए नियम के खिलाफ ग्रामीणों ने सड़कों पर उतरकर अपनी आवाज उठाई है। यह विरोध उनकी सांस्कृतिक परंपराओं पर हमले के रूप में देखा जा रहा है। जानें इस असंतोष के पीछे के कारण और ग्रामीणों की प्रतिक्रिया।
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चीन के गांवों में बढ़ता असंतोष: 661 विरोध प्रदर्शन दर्ज

चीन में ग्रामीण असंतोष का उभार


नई दिल्ली: चीन के ग्रामीण क्षेत्रों में असंतोष और विरोध की लहर तेजी से बढ़ रही है। हालिया रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष अब तक 661 विरोध प्रदर्शन दर्ज किए गए हैं, जो पिछले साल की तुलना में 70 प्रतिशत अधिक है। गुइझोउ प्रांत में हाल में हुए विरोध ने यह संकेत दिया है कि ग्रामीण अब सरकारी निर्णयों को चुनौती देने से नहीं चूक रहे हैं।


चीन की छवि एक ऐसे देश के रूप में है जहां आम नागरिक सरकार की आलोचना नहीं कर सकते, लेकिन वर्तमान में गांवों में उभरता गुस्सा यह दर्शाता है कि स्थिति बदल रही है। गुइझोउ प्रांत में विरोध की शुरुआत एक नए नियम के कारण हुई, जिसमें कहा गया कि मृतकों को दफनाने के बजाय दाह संस्कार करना होगा। ग्रामीणों ने इसे अपनी संस्कृति पर हमला माना।


अंतिम संस्कार की परंपरा

क्या है वहां अंतिम संस्कार का तरीका?


इस क्षेत्र में मियाओ जातीयता के लोग अधिक हैं, और उनकी परंपरा में दफनाना अंतिम संस्कार का मुख्य तरीका है। अधिकारियों के इस नए आदेश के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए और स्थानीय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। एक वीडियो में एक ग्रामीण ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर सीधा हमला करते हुए कहा कि अगर सरकार पूर्वजों की कब्रें खोदने की बात कर रही है, तो पहले शी जिनपिंग की पैतृक कब्र खोदी जाए।


विरोध के कारण

लोगों ने क्यों किया विरोध?


यह बयान चीन के राजनीतिक माहौल में असामान्य है, क्योंकि शीर्ष नेतृत्व की आलोचना करना गंभीर अपराध माना जाता है। ग्रामीण यह सवाल उठा रहे हैं कि सरकार को यह अधिकार किसने दिया कि वह बताए कि कोई अपना अंतिम संस्कार कैसे करे। उनका कहना है कि यह नियम उनकी परंपराओं और धार्मिक भावनाओं पर हमला है। विरोध की तीव्रता बढ़ती गई, जिससे कई गांवों में प्रशासन को स्थिति संभालने में कठिनाई हुई।


चाइना डिसेंट मॉनिटर (सीडीएम) की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की तीसरी तिमाही में अकेले 1400 अशांति की घटनाएं दर्ज की गईं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 45 प्रतिशत अधिक हैं। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि चीन के गांवों में असंतोष बढ़ रहा है, जो सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।