चीन के ताइवान के आसपास सैन्य अभ्यास: हवाई यात्रा पर गंभीर प्रभाव
चीन के सैन्य अभ्यासों से बढ़ा तनाव
नई दिल्ली: हाल ही में ताइवान के आस-पास चीन द्वारा किए गए सैन्य अभ्यासों ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा दिया है। इन गतिविधियों का प्रभाव केवल कूटनीति या सैन्य रणनीति तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह आम नागरिकों की दैनिक जिंदगी पर भी गहरा असर डाल रहा है। विशेष रूप से, हवाई यात्रा पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ा है और पूरे क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर सतर्कता बढ़ गई है।
चीन की सैन्य तैनाती का विस्तार
ताइवान के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, सोमवार को चीन ने द्वीप के चारों ओर बड़ी संख्या में सैन्य संसाधनों को तैनात किया। इसमें 89 चीनी सैन्य विमान, 28 युद्धपोत और कई तटरक्षक जहाज शामिल थे। यह 15 अक्टूबर 2024 के बाद किसी एक दिन में चीनी विमानों की सबसे बड़ी तैनाती मानी जा रही है। ताइवान और उसके सहयोगी देशों ने इस आक्रामक सैन्य गतिविधि को गंभीर संकेत के रूप में देखा है।
हवाई यातायात पर गंभीर प्रभाव
चीन के सैन्य अभ्यासों का सबसे बड़ा असर ताइवान के नागरिक उड्डयन पर पड़ा है। ताइवान के विमानन अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अभ्यास के कारण मंगलवार को हवाई क्षेत्र और कई प्रमुख उड़ान मार्गों को आंशिक या पूर्ण रूप से बंद किया जाएगा। इससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में बड़े स्तर पर व्यवधान की आशंका है।
एक लाख से अधिक यात्रियों पर असर
ताइवान के परिवहन मंत्रालय ने बताया कि इन सैन्य गतिविधियों के कारण मंगलवार को निर्धारित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के 1 लाख से अधिक यात्रियों पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा, लगभग 6,000 घरेलू यात्रियों को भी उड़ानों में देरी या रद्द होने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। मंत्रालय ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है, इसलिए कई उड़ानों को वैकल्पिक मार्गों पर मोड़ा जाएगा।
सुरक्षा के लिए उड़ान मार्गों में बदलाव
अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि जिन हवाई क्षेत्रों को खतरनाक घोषित किया गया है, वहां से नागरिक विमानों को दूर रखा जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए नए और लंबे मार्ग तय किए जाएंगे, ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना की आशंका न रहे। हालांकि, इससे उड़ानों का समय और खर्च दोनों बढ़ सकते हैं।
चीन का कठोर रुख
चीन ने इन सैन्य अभ्यासों को ताइवान के प्रमुख बंदरगाहों की नाकाबंदी का अभ्यास बताया है। चीनी सेना ने वास्तविक गोलीबारी के साथ ड्रिल की और स्पष्ट संदेश दिया कि बीजिंग ताइवान पर अपनी दावेदारी को लेकर गंभीर है। चीन ने ताइवान का समर्थन करने वाली "बाहरी ताकतों" को भी चेतावनी दी है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप न करें।
अमेरिका की भूमिका से बढ़ा तनाव
विशेषज्ञों के अनुसार, चीन का यह शक्ति प्रदर्शन ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका ने ताइवान को हथियारों की बिक्री के एक नए चरण को मंजूरी दी है। चीन इसे अपनी संप्रभुता में हस्तक्षेप मानता है। बीजिंग ने कहा कि ताइवान को हथियारबंद करने की कोशिशें अलगाववादी ताकतों को बढ़ावा देंगी और ताइवान जलडमरूमध्य को युद्ध के मुहाने पर ले जा सकती हैं।
भविष्य में संभावित प्रभाव
चीन-ताइवान तनाव का यह नया अध्याय न केवल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए चुनौती है, बल्कि वैश्विक व्यापार और विमानन उद्योग पर भी इसका असर डाल सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि हालात शांत होते हैं या फिर सैन्य गतिविधियां और तेज होती हैं। फिलहाल, आम यात्रियों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें इस पूरे घटनाक्रम पर टिकी हुई हैं।
