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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का नववर्ष संदेश: ताइवान पर बढ़ता सैन्य दबाव

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने नववर्ष संदेश में ताइवान के पुनर्एकीकरण की आवश्यकता को रेखांकित किया है। उनका यह बयान ताइवान के आसपास के हालिया सैन्य अभ्यासों के समापन के बाद आया है। ताइवान ने इन गतिविधियों को उकसाने वाला बताया है, जबकि चीन ने इसे अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए आवश्यक कदम कहा है। जानें इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और ताइवान की स्थिति के बारे में।
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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का नववर्ष संदेश: ताइवान पर बढ़ता सैन्य दबाव

शी जिनपिंग का संदेश और ताइवान पर रुख


चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 2026 के नववर्ष संदेश में कहा कि मातृभूमि का पुनर्एकीकरण एक अनिवार्य आवश्यकता है और इसे रोकना संभव नहीं है। यह बयान तब आया जब बीजिंग ने ताइवान के आसपास के बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यासों के समापन की घोषणा की। शी ने अपने संबोधन में ताइवान का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके शब्द चीन के लंबे समय से चले आ रहे रुख को दर्शाते हैं, जिसमें ताइवान को चीन का अभिन्न हिस्सा माना जाता है।


शी जिनपिंग ने 2025 को चीन के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष बताया, जो 14वीं पंचवर्षीय योजना की पूर्णता और जापानी आक्रमण के खिलाफ चीनी जनयुद्ध तथा वैश्विक फासीवाद-विरोधी युद्ध में विजय की 80वीं वर्षगांठ का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में चीन की आर्थिक, तकनीकी और रक्षा क्षमताएं नई ऊंचाइयों तक पहुंच गई हैं, जो राष्ट्र के महान पुनरुत्थान के लिए एकजुट हो रही शक्ति का प्रतीक है।


ताइवान के आसपास बढ़ा सैन्य दबाव

इन सैन्य अभ्यासों को 'जस्टिस मिशन 2025' नाम दिया गया था। दो दिनों तक चलने वाले इन अभ्यासों में मिसाइलें, लड़ाकू विमान, बमवर्षक, नौसैनिक जहाज और तटरक्षक बल शामिल थे। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के अनुसार, इन ड्रिल्स का उद्देश्य समुद्र और वायु के बीच समन्वय, संयुक्त नाकेबंदी क्षमता और समुद्री लक्ष्यों पर हमले की तैयारी को परखना था। अभ्यास के दौरान ताइवान के उत्तर और दक्षिण में वास्तविक गोलाबारी भी की गई।


ताइवान ने इन गतिविधियों को बेहद उकसाने वाला और गैर-जिम्मेदाराना बताया। ताइवान के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, कुछ चीनी मिसाइलें पहले की तुलना में अधिक निकटता से गिरीं और कई रॉकेट 24 नॉटिकल मील के दायरे में आ गए। राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने चेतावनी दी कि ये अभ्यास कोई अलग-थलग घटना नहीं हैं और इससे क्षेत्रीय स्थिरता, वैश्विक शिपिंग और व्यापार को गंभीर खतरा हो सकता है।


हालांकि, बुधवार को ताइवान ने बताया कि चीनी युद्धपोत और तटरक्षक जहाज पीछे हटने लगे हैं, लेकिन ताइवान की कोस्ट गार्ड ने सतर्कता बनाए रखते हुए अपनी तैनाती जारी रखी। इन सैन्य गतिविधियों के कारण नागरिक उड्डयन भी प्रभावित हुआ, जिससे सैकड़ों उड़ानें रद्द या विलंबित हुईं।


अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और चीन का जवाब

जापान, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस जैसे कई देशों ने इन अभ्यासों पर चिंता व्यक्त की है। वहीं, चीन ने आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा कि ये उसकी संप्रभुता की रक्षा के लिए आवश्यक कदम हैं और आलोचक देशों पर तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया।