चीन ने अमेरिका के शुल्क युद्ध की धमकी का दिया जवाब

चीन का स्पष्ट संदेश
रविवार को, चीन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए 100 प्रतिशत शुल्क की धमकी के बावजूद अपनी स्थिति को स्पष्ट किया। उसने अमेरिका से आग्रह किया कि वह बातचीत के माध्यम से मतभेदों को सुलझाए, न कि धमकियों के जरिए।
वाणिज्य मंत्रालय की प्रतिक्रिया
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने एक ऑनलाइन बयान में कहा, "हम शुल्क युद्ध नहीं चाहते, लेकिन हम इससे डरते नहीं हैं।" यह प्रतिक्रिया ट्रंप द्वारा एक नवंबर तक चीन से आयात पर कर बढ़ाने की चेतावनी के दो दिन बाद आई है। यह धमकी चीन द्वारा दुर्लभ मृदा खनिजों के निर्यात पर नए प्रतिबंध लगाने के जवाब में दी गई थी।
ट्रंप और शी चिनफिंग के बीच संभावित बैठक पर असर
इस घटनाक्रम ने ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच संभावित बैठक को संकट में डाल दिया है, जिससे शुल्क युद्ध पर बनी सहमति भी प्रभावित हो सकती है। अप्रैल में, दोनों पक्षों ने नए शुल्क को 100 प्रतिशत से अधिक बढ़ाने का निर्णय लिया था।
अमेरिकी व्यापारिक साझेदारों के साथ ट्रंप की नीति
इस वर्ष, ट्रंप ने कई अमेरिकी व्यापारिक साझेदारों के लिए आयात पर कर बढ़ा दिए हैं, ताकि शुल्क में कटौती के बदले रियायतें प्राप्त की जा सकें। चीन उन कुछ देशों में से एक है जो अपनी आर्थिक ताकत के बल पर पीछे नहीं हटा है।
बातचीत का आह्वान
वाणिज्य मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, "बार-बार ऊंचा शुल्क लगाने की धमकी देना चीन के साथ तालमेल बिठाने का सही तरीका नहीं है।" बयान में बातचीत के माध्यम से किसी भी चिंता का समाधान करने का आह्वान किया गया। मंत्रालय ने चेतावनी दी कि यदि अमेरिका अपनी नीति पर अड़ा रहता है, तो चीन अपने वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाएगा।