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चीन ने अमेरिकी सोयाबीन खरीद पर लगाया ब्रेक: ट्रंप के लिए नई चुनौती

चीन ने अचानक अमेरिकी सोयाबीन की खरीद रोक दी है, जिससे अमेरिका के किसानों में हड़कंप मच गया है। यह कदम ट्रंप प्रशासन के लिए एक बड़ा झटका है, खासकर एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) सम्मेलन से पहले। अमेरिकी किसान इस स्थिति से चिंतित हैं, क्योंकि इससे उनकी आर्थिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। जानें, ट्रंप इस मुद्दे पर शी जिनपिंग से क्या बातचीत करेंगे और चीन की इस रणनीति का अमेरिकी कृषि पर क्या असर होगा।
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चीन ने अमेरिकी सोयाबीन खरीद पर लगाया ब्रेक: ट्रंप के लिए नई चुनौती

चीन का अचानक सोयाबीन खरीदना बंद करना


चीन ने अमेरिकी सोयाबीन की खरीद पर रोक लगाई है: इस निर्णय ने अमेरिका के किसानों और बाजार में हलचल मचा दी है। अमेरिकी सोयाबीन चीन के लिए एक महत्वपूर्ण आयात है, जो अमेरिकी कृषि अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा है। इस कदम के परिणामस्वरूप सोयाबीन की कीमतों में भारी गिरावट आई है, जिससे किसानों में चिंता और असमंजस का माहौल बन गया है। यह स्थिति अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए एक बड़ा झटका साबित हो रही है।


अमेरिका की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव

अमेरिका की स्थिति पर असर:
चीन ने पहले भी अमेरिका पर आर्थिक दबाव डालने के लिए रेयर अर्थ मैग्नेट के निर्यात पर रोक लगाई थी। अब सोयाबीन की खरीद पर रोक लगाकर उसने एक और कड़ा प्रहार किया है। यह कदम एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन से पहले आया है, जहां दोनों देशों के बीच कूटनीतिक वार्ता होने वाली है। अमेरिकी किसान बढ़ती लागत और बाजार के बंद होने के कारण गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। इस वर्ष चीन ने अमेरिकी सोयाबीन की खरीद नहीं की, जो इस बात का संकेत है कि वह अमेरिकी कृषि क्षेत्र को कमजोर करना चाहता है।


ट्रंप की प्रतिक्रिया

शी जिनपिंग से वार्ता का आश्वासन:
डोनाल्ड ट्रंप ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह शी जिनपिंग से इस विषय पर चर्चा करेंगे और अमेरिकी किसानों के हितों की रक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि सोयाबीन की खरीद पर बातचीत APEC सम्मेलन का एक प्रमुख विषय होगा। हालांकि, अमेरिकी किसान ट्रंप की बातों से संतुष्ट नहीं हैं और चेतावनी दे रहे हैं कि यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो ग्रामीण अमेरिका में हालात बिगड़ सकते हैं।


सोयाबीन पर चीन का प्रभुत्व

चीन का सोयाबीन बाजार पर नियंत्रण:
अमेरिका में सोयाबीन की खेती लगभग 60 अरब डॉलर की इंडस्ट्री है, जो मुख्य रूप से चीन पर निर्भर करती है। चीन विश्व में सोयाबीन खरीद का लगभग 61% हिस्सा लेता है। इस वर्ष अमेरिका में रिकॉर्ड फसल हुई है, लेकिन बेचने के लिए कोई बाजार नहीं मिल रहा। चीन की इस रणनीति के कारण अमेरिकी सोयाबीन किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।


चीन की व्यापारिक रणनीति

रेयर अर्थ पर चीन का दबदबा:
चीन ने इस वर्ष की शुरुआत में रेयर अर्थ मिनरल्स के निर्यात पर रोक लगाकर अमेरिका को आर्थिक रूप से कमजोर करने की रणनीति शुरू की थी। इलेक्ट्रिक वाहनों, सैन्य उपकरणों और सेमीकंडक्टर्स के लिए आवश्यक रेयर अर्थ की आपूर्ति को नियंत्रित कर चीन ने अमेरिका पर व्यापारिक दबाव बना रखा है।


चीन का नया व्यापारिक रुख

ब्राजील और अर्जेंटीना से सोयाबीन की खरीद:
चीन ने अमेरिका से सोयाबीन खरीदना बंद कर दूसरे स्रोतों की ओर रुख कर लिया है। उसने ब्राजील से पूरी सोयाबीन खरीद ली है और अर्जेंटीना से भी माल मंगवा रहा है। चीन जानता है कि अमेरिकी किसान ट्रंप के समर्थन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए सोयाबीन पर यह रोक ट्रंप के लिए एक बड़ी चुनौती है।


अर्थव्यवस्था पर संभावित प्रभाव

अमेरिकी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को खतरा:
नोमुरा होल्डिंग्स के चीनी अर्थशास्त्री लू टिंग और अमेरिकी सोयाबीन उत्पादक मोरे हिल के अनुसार, यदि चीन के साथ जल्द कोई समाधान नहीं निकला तो सोयाबीन बाजार में भारी गिरावट और आर्थिक संकट आ सकता है। इस स्थिति में अमेरिका की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान हो सकता है।

चीन का आर्थिक दबाव:
चीन ने अपनी व्यापारिक रणनीति से अमेरिका को आर्थिक रूप से दबाव में ला दिया है। रेयर अर्थ और सोयाबीन जैसी महत्वपूर्ण वस्तुओं पर नियंत्रण रखकर चीन ने वैश्विक व्यापार में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अमेरिका इस दबाव का सामना कैसे करता है और आगामी APEC शिखर सम्मेलन में दोनों देशों के बीच क्या समझौते होते हैं।