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चीन ने ट्रंप के न्यूक्लियर परीक्षण दावों का किया खंडन

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में न्यूक्लियर परीक्षण करने की योजना का ऐलान किया, जिसमें उन्होंने चीन और पाकिस्तान पर आरोप लगाए। चीन ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति है। ट्रंप ने अमेरिका की परमाणु ताकत का जिक्र करते हुए कहा कि अमेरिका भी परीक्षण करेगा। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया।
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चीन ने ट्रंप के न्यूक्लियर परीक्षण दावों का किया खंडन

चीन ने ट्रंप के आरोपों का दिया जवाब


नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में घोषणा की थी कि अमेरिका भी अन्य देशों की तरह न्यूक्लियर हथियारों का परीक्षण करेगा। उन्होंने पाकिस्तान और चीन जैसे देशों पर आरोप लगाया कि ये सभी न्यूक्लियर परीक्षणों में लगे हुए हैं। इस पर चीन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।


चीन ने ट्रंप के आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि 'चीन एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र है'। उन्होंने हमेशा आत्मरक्षा के लिए अपनी परमाणु रणनीति को बनाए रखा है और परमाणु परीक्षणों को स्थगित करने की अपनी प्रतिबद्धता का पालन किया है।


ट्रंप का न्यूक्लियर परीक्षण पर बयान

रविवार को ट्रंप ने न्यूक्लियर हथियारों के संदर्भ में कहा कि चीन और रूस जैसे देशों ने भूमिगत परमाणु परीक्षण किए हैं, जिनकी जानकारी किसी को नहीं दी गई। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका भी अब ऐसा करने की योजना बना रहा है। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ऐसा देश नहीं बनना चाहता जो परीक्षण में पीछे रह जाए। यह सब उन्होंने सीबीएस के एक कार्यक्रम में कहा। उन्होंने उत्तर कोरिया और पाकिस्तान का भी उल्लेख किया। ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका के पास अन्य देशों की तुलना में अधिक परमाणु हथियार हैं, फिर भी हमें परमाणु निरस्त्रीकरण पर विचार करना चाहिए।


परमाणु हथियारों का भंडार

ट्रंप ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति शी से बात की थी। उन्होंने अमेरिका की ताकत का जिक्र करते हुए कहा कि अमेरिका के पास दुनिया को 150 बार नष्ट करने की क्षमता वाले परमाणु हथियार हैं। ट्रंप ने रूस और चीन के पास भी परमाणु भंडार का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका के बाद रूस और फिर चीन के पास परमाणु हथियार हैं। ट्रंप ने युद्ध विभाग को समान आधार पर परमाणु हथियारों के परीक्षण की प्रक्रिया तुरंत शुरू करने का निर्देश दिया है।


ट्रंप का यह आदेश रूस द्वारा एक नई परमाणु ऊर्जा चालित क्रूज मिसाइल, बुरेवेस्टनिक के परीक्षण के बाद आया है। रूस ने एक परमाणु ऊर्जा चालित अंडरवाटर ड्रोन का भी परीक्षण किया है। हालांकि, जब ट्रंप से अमेरिका में तीन दशकों बाद होने वाले परीक्षण के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वह भी अन्य देशों की तरह न्यूक्लियर परीक्षण करेंगे।