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चीन-भारत संबंधों पर अमेरिकी रिपोर्ट से चीन की नाराजगी: क्या है असली मामला?

अमेरिकी रक्षा विभाग की नई रिपोर्ट ने चीन-भारत संबंधों पर टिप्पणी की है, जिससे चीन नाराज हो गया है। पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन भारत के साथ सीमा तनाव कम होने का फायदा उठाकर संबंध सुधारना चाहता है। चीनी प्रवक्ता ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जबकि रिपोर्ट में भारत-चीन संबंधों में सुधार के संकेत भी देखे गए हैं। जानें इस मामले में क्या है असली स्थिति और भविष्य की संभावनाएं।
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चीन-भारत संबंधों पर अमेरिकी रिपोर्ट से चीन की नाराजगी: क्या है असली मामला?

चीन की प्रतिक्रिया पर अमेरिकी रिपोर्ट


हाल ही में, अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट ने चीन-भारत संबंधों पर टिप्पणी की है, जिससे चीन में नाराजगी का माहौल है। पेंटागन की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन भारत के साथ सीमा तनाव में कमी का लाभ उठाकर दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार करना चाहता है, ताकि भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते सहयोग को रोका जा सके। इस पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।


चीनी प्रवक्ता की कड़ी प्रतिक्रिया

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि चीन भारत के साथ अपने संबंधों को दीर्घकालिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से देखता है। उन्होंने कहा कि चीन किसी तीसरे देश को निशाना नहीं बनाता और भारत के साथ संवाद बढ़ाने, विश्वास स्थापित करने और संबंधों को स्वस्थ व स्थायी बनाने के लिए तत्पर है। प्रवक्ता ने अमेरिकी रिपोर्ट को चीन की रक्षा नीति को गलत तरीके से प्रस्तुत करने वाला बताया।


पेंटागन की रिपोर्ट में क्या कहा गया?

पेंटागन की 2025 की वार्षिक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि अक्टूबर 2024 में भारत-चीन के बीच सीमा पर डिसएंगेजमेंट समझौता हुआ, जिससे तनाव में कमी आई। हालांकि, चीन इस स्थिति का उपयोग करके भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत होने से रोकना चाहता है। रिपोर्ट में अरुणाचल प्रदेश को चीन का मुख्य हित बताया गया है और पाकिस्तान को जे-10सी लड़ाकू विमान और अन्य हथियारों की आपूर्ति का भी जिक्र किया गया है, जिससे भारत पर दोतरफा दबाव बढ़ सकता है।


चीन की रक्षा नीति पर प्रतिक्रिया

चीन ने कहा है कि अमेरिका अपनी रिपोर्ट में तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करता है और अनावश्यक संदेह पैदा करता है। चीनी प्रवक्ता ने यह भी कहा कि उनका देश हमेशा शांतिपूर्ण विकास और रक्षात्मक नीति का पालन करता है और किसी को धमकी नहीं देता।


भारत-चीन संबंधों में नई संभावनाएं

हाल के दिनों में, भारत और चीन के बीच संबंधों में सुधार के संकेत देखे गए हैं। ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद सीमा पर बातचीत शुरू हुई है। डायरेक्ट उड़ानें, वीजा में आसानी और कैलाश मानसरोवर यात्रा जैसे कदम उठाए गए हैं। फिर भी, अमेरिकी रिपोर्ट का मानना है कि यह सुधार केवल सामरिक है, गहरा बदलाव नहीं।


संक्षेप में, चीन ने अमेरिका की रिपोर्ट को खारिज करते हुए भारत के साथ मजबूत और स्थिर संबंधों की बात की है। लेकिन क्षेत्रीय तनाव और बड़े देशों की भूमिका से रिश्ते जटिल बने हुए हैं।