चैनल टनल में बिजली संकट से यूरोप की रेल सेवाएं प्रभावित
यूरोप में रेल सेवाओं पर असर
नई दिल्ली: चैनल टनल में बिजली की आपूर्ति में बाधा आने के कारण यूरोप की कई प्रमुख रेल सेवाएं प्रभावित हुई हैं। इस तकनीकी समस्या के चलते लंदन से पेरिस, ब्रसेल्स और एम्स्टर्डम के बीच चलने वाली यूरोस्टार ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। इसके अलावा, चैनल टनल से गुजरने वाली ले शटल सेवाओं पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
यात्री परेशान
स्टेशनों पर फंसे यात्री
इस अप्रत्याशित समस्या के कारण हजारों यात्री विभिन्न स्टेशनों पर फंसे हुए हैं। उन्हें लंबे समय तक इंतजार करना पड़ रहा है और ट्रेनों की आवाजाही में काफी देरी हो रही है। कई यात्री अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं, जिससे उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
Eurostar has "strongly advised" customers not to travel today because of a failed overhead power supply in the Channel Tunnel and a failed Le Shuttle train.
— Channel 4 News (@Channel4News) December 30, 2025
The company said services which were able to run would be subject to severe delays and last minute cancellations. pic.twitter.com/9R7gdFoTL4
यात्रियों के लिए सलाह
यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी
यूरोस्टार प्रबंधन ने यात्रियों के लिए एक सलाह जारी की है। कंपनी ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि जिनके पास कन्फर्म टिकट नहीं हैं, वे स्टेशन पर न आएं। इसके साथ ही, यात्रियों को अपनी यात्रा की योजना में बदलाव करने की सलाह दी गई है। जिन यात्रियों की ट्रेनें रद्द हो चुकी हैं, वे अपनी टिकट के बदले ई-वाउचर या अन्य विकल्पों का दावा कर सकते हैं।
कंपनी का कहना है कि तकनीकी समस्या को जल्द से जल्द हल करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि सेवाएं सामान्य हो सकें। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि ट्रेन सेवाएं कब तक पूरी तरह से बहाल होंगी।
चैनल टनल का महत्व
ब्रिटेन और फ्रांस को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण सुरंग
चैनल टनल, जिसे यूरो-टनल भी कहा जाता है, ब्रिटेन और फ्रांस को जोड़ने वाली एक अत्यंत महत्वपूर्ण सुरंग है। यह सुरंग अंग्रेजी चैनल के नीचे स्थित है और इसकी कुल लंबाई लगभग 50 किलोमीटर है। इस सुरंग के माध्यम से यात्री ट्रेनें, मालगाड़िया और विशेष कार-ट्रेन आसानी से आ-जा सकती हैं। चैनल टनल का उद्देश्य ब्रिटेन और यूरोप के अन्य देशों के बीच यात्रा और व्यापार को तेज और सरल बनाना है। इसे 1994 में आम जनता के लिए खोला गया था और यह दुनिया की सबसे लंबी समुद्र के नीचे बनी सुरंगों में से एक मानी जाती है.
