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जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने इस्तीफा दिया, राजनीतिक संकट गहरा

जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है, जो उनके छोटे कार्यकाल की चुनौतियों और बढ़ती महंगाई के कारण हुआ। उनके इस्तीफे के बाद जापान की मुद्रा येन में गिरावट आई है। इशिबा ने व्यापार समझौते पर ध्यान केंद्रित किया, लेकिन उनकी पार्टी में अंदरूनी कलह बढ़ गई। अब, जापान के अगले प्रधानमंत्री के लिए दौड़ तेज हो गई है, जिसमें साने ताकाइची और शिंजिरो कोइज़ुमी प्रमुख उम्मीदवार हैं। राजनीतिक अनिश्चितता का दौर जारी है।
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जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने इस्तीफा दिया, राजनीतिक संकट गहरा

प्रधानमंत्री का इस्तीफा

टोक्यो: जापान की राजनीतिक स्थिति में उथल-पुथल के बीच, प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। नवंबर 2024 में पद ग्रहण करने वाले इशिबा केवल 10 महीने में ही अपनी कुर्सी नहीं बचा सके। बढ़ती महंगाई, जनता की नाराजगी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुए व्यापार समझौते के आर्थिक दबाव के कारण उन्हें यह कदम उठाना पड़ा। उनके इस्तीफे की घोषणा के बाद जापान की मुद्रा येन में गिरावट आई है।


इशिबा का कार्यकाल

68 वर्षीय इशिबा का कार्यकाल कई चुनौतियों से भरा रहा। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, बढ़ती महंगाई से जनता परेशान थी, जिसके परिणामस्वरूप उनके सत्तारूढ़ गठबंधन ने चुनाव में अपना बहुमत खो दिया। जुलाई में उच्च सदन के चुनाव में हार के बाद से उन पर इस्तीफे का दबाव था, लेकिन उन्होंने तब पद नहीं छोड़ा।


व्यापार समझौते पर ध्यान

इसके बजाय, उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ से निपटने के लिए एक व्यापार समझौते पर ध्यान केंद्रित किया। इस समझौते ने जापान की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को प्रभावित किया और आर्थिक विकास पर भी असर डाला, जिससे उनकी पार्टी (लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी – LDP) में अंदरूनी कलह बढ़ गई।


भावुक विदाई

इशिबा ने भावुक होते हुए कहा, "हमने जापान-अमेरिका व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करके एक बड़ी मुश्किल पार कर ली है। अब मैं यह जिम्मेदारी अगली पीढ़ी को सौंपना चाहता हूं।" उन्होंने अपनी पार्टी से नए नेता का चुनाव करने का आग्रह किया है और तब तक वह कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहेंगे।


अगले प्रधानमंत्री की दौड़

इशिबा के इस्तीफे की घोषणा के साथ ही जापान के अगले प्रधानमंत्री पद के लिए दौड़ तेज हो गई है। इस मुकाबले में दो प्रमुख चेहरे सबसे आगे हैं। इनमें से एक साने ताकाइची हैं, जो अपनी ढीली आर्थिक नीतियों के समर्थन और बैंक ऑफ जापान द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने की आलोचना के लिए जानी जाती हैं। पिछले नेतृत्व चुनाव में वह बहुत कम अंतर से इशिबा से हार गई थीं। दूसरे प्रमुख उम्मीदवार शिंजिरो कोइज़ुमी हैं, जो एक बड़े राजनीतिक परिवार से आते हैं और इशिबा सरकार में कृषि मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं।


राजनीतिक अनिश्चितता

हालांकि, LDP के पास संसद में बहुमत नहीं है, इसलिए यह तय नहीं है कि पार्टी का अगला अध्यक्ष ही प्रधानमंत्री बनेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि जो भी नया नेता चुना जाएगा, वह जनता का विश्वास हासिल करने के लिए देश में अचानक चुनाव की घोषणा कर सकता है, जिससे जापान में राजनीतिक अनिश्चितता का दौर और लंबा खिंच सकता है।