ट्रंप और शी जिनपिंग की ऐतिहासिक बैठक: अमेरिका-चीन संबंधों में नई दिशा
बैठक की पृष्ठभूमि
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच दक्षिण कोरिया के बुसान में होने वाली बैठक पर वैश्विक ध्यान केंद्रित है। यह मुलाकात ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव और टैरिफ विवाद अपने चरम पर हैं। यह छह साल बाद हो रही पहली मुलाकात है, जिससे अमेरिका-चीन संबंधों में नई संभावनाएं खुलने की उम्मीद है।
व्यापारिक तनाव और सहयोग की संभावनाएं
ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में नए टैरिफ उपायों और चीन की प्रतिक्रियाओं ने दोनों देशों के संबंधों में तनाव बढ़ा दिया है। हालांकि, अब दोनों पक्ष आर्थिक सहयोग को पुनर्स्थापित करने और व्यापारिक नुकसान को कम करने के उपायों पर विचार कर रहे हैं। ट्रंप ने बैठक से पहले कहा, 'हमारी मुलाकात बहुत सफल होने वाली है। शी जिनपिंग एक सख्त वार्ताकार हैं, लेकिन हमारे बीच हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं।'
सुलह की दिशा में कदम
क्या अमेरिका और चीन सुलह की दिशा में बढ़ रहे हैं?
हाल के दिनों में दोनों देशों ने समझौते के संकेत दिए हैं। अमेरिका ने चीनी आयात पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त कर लगाने से बचने का इरादा जताया है, जबकि चीन ने अमेरिकी सोयाबीन की खरीद फिर से शुरू करने पर विचार किया है।
फेंटेनाइल विवाद पर चर्चा
क्या फेंटेनाइल विवाद पर भी चर्चा होगी?
ट्रंप ने कहा कि वह फेंटेनाइल उत्पादन पर चीन की भूमिका को लेकर टैरिफ में कुछ नरमी पर विचार कर सकते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस कदम से दोनों देशों के बीच विश्वास बहाल हो सकेगा।
बैठक का समय और स्थान
बैठक कब और कहां होगी?
दोनों नेताओं की बैठक बुसान में स्थानीय समयानुसार सुबह 11 बजे शुरू होगी। यह एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन के दौरान होगी, जिसका मुख्य स्थल ग्योंगजू से लगभग 76 किलोमीटर दूर है।
पार्श्व चर्चा और सहमति
क्या पहले से हुई चर्चाओं ने वार्ता का रास्ता आसान किया है?
कुआलालंपुर में हुई पूर्व-वार्ता में दोनों देशों के अधिकारियों के बीच सकारात्मक सहमति बनी थी। चीन के मुख्य व्यापार वार्ताकार ली चेंगगांग ने कहा कि 'प्रारंभिक सहमति' बन चुकी है, जिसे अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने बेहद सफल रूपरेखा बताया।
आर्थिक स्थिरता की संभावना
क्या इस वार्ता से एशियाई बाजारों में स्थिरता आएगी?
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अमेरिका और चीन के बीच टकराव कम होता है तो एशियाई बाजारों में निवेश का माहौल सुधरेगा और निर्यात व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
दक्षिण कोरिया को रक्षा सहयोग
क्या दक्षिण कोरिया को मिलेगा रक्षा सहयोग?
ट्रंप ने घोषणा की है कि अमेरिका दक्षिण कोरिया को परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बियों के निर्माण में तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। इससे दोनों देशों के रणनीतिक संबंध और मजबूत होंगे।
दक्षिण कोरिया की प्रतिक्रिया
दक्षिण कोरिया इस सौदे को कैसे देख रहा है?
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्युंग ने कहा कि यदि दक्षिण कोरिया परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बियों से लैस हो जाए, तो इससे क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूती मिलेगी और अमेरिका के साथ रक्षा सहयोग और गहरा होगा।
बैठक का महत्व
बुसान में होने वाली यह मुलाकात अमेरिका-चीन रिश्तों के भविष्य को तय करने वाली साबित हो सकती है। दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग और टैरिफ नीति में नरमी से वैश्विक बाजारों में स्थिरता आने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वार्ता सफल रहती है, तो यह एशियाई अर्थव्यवस्था के लिए भी सकारात्मक संकेत होगा।
