Newzfatafatlogo

ट्रंप ने ब्रिक्स देशों पर टैरिफ बढ़ाने की दी चेतावनी

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। उन्होंने जापान और दक्षिण कोरिया पर 25% टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है, जो पहली अगस्त से लागू होगा। ट्रंप ने भारत के साथ संभावित व्यापारिक समझौते की ओर इशारा किया है, जबकि अन्य देशों के लिए टैरिफ बढ़ाने की बात की है। जानें इस फैसले का भारत पर क्या असर हो सकता है और अमेरिका की रणनीति क्या है।
 | 
ट्रंप ने ब्रिक्स देशों पर टैरिफ बढ़ाने की दी चेतावनी

ट्रंप का टैरिफ बढ़ाने का ऐलान

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों की अमेरिका विरोधी नीतियों के समर्थन करने वाले देशों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। इसके साथ ही, उन्होंने जापान और दक्षिण कोरिया को टैरिफ से संबंधित एक पत्र भेजा है, जिसमें इन देशों पर 25% टैरिफ लगाने का निर्णय लिया गया है। यह टैरिफ पहली अगस्त से लागू होगा। ट्रंप ने इस टैरिफ की जानकारी सोशल मीडिया पर पत्र साझा करके दी, जिसमें जापान और दक्षिण कोरिया को यह चेतावनी भी दी गई है कि वे अपने टैक्स बढ़ाने की कोशिश न करें। यदि ऐसा हुआ, तो अमेरिका आयातित वस्तुओं पर टैक्स बढ़ा देगा, जिससे जापान और दक्षिण कोरिया के ऑटो और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को नुकसान हो सकता है।


भारत पर टैरिफ न लगाने का कारण

ट्रंप ने भारत के बारे में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने यूनाइटेड किंगडम और चीन के साथ व्यापारिक समझौते किए हैं, और भारत के साथ भी एक डील के बेहद करीब हैं। उनका संदेश स्पष्ट है कि भारत को छोड़कर अमेरिका अन्य देशों से असंतुष्ट है। अमेरिका ने 14 देशों को टैरिफ संबंधी पत्र भेजा है, जिसमें बांग्लादेश, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, जापान और अन्य प्रमुख व्यापारिक साझेदार शामिल हैं। लेकिन भारत इस सूची में नहीं है।


भारत और अमेरिका के बीच संभावित डील

ट्रंप का बयान यह दर्शाता है कि अमेरिका भारत के साथ एक विशेष व्यापारिक समझौते की दिशा में बढ़ रहा है। इसका एक बड़ा कारण भारत की भू-राजनीतिक महत्वता है। भारत न केवल एक बड़ा बाजार है, बल्कि अमेरिका के लिए एक रणनीतिक साझेदार भी बन चुका है, खासकर जब चीन का मुकाबला करने की बात आती है। दोनों देश कई वर्षों से टैरिफ कम करने और व्यापार को सरल बनाने के लिए बातचीत कर रहे हैं। हालांकि, अमेरिका चाहता है कि भारत अपने डेयरी क्षेत्र को विदेशी कंपनियों के लिए खोले और कृषि उत्पादों पर लगने वाले टैक्स को कम करे। लेकिन भारत के लिए ये सभी मुद्दे राजनीतिक रूप से संवेदनशील हैं।