ट्रम्प की नाइजीरिया को चेतावनी: ईसाइयों की सुरक्षा पर गंभीर चिंता
अमेरिकी राष्ट्रपति की सख्त चेतावनी
न्यूज मीडिया :- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने नाइजीरिया को एक गंभीर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यदि नाइजीरिया में ईसाइयों पर हमले और हत्याएं जारी रहीं, तो अमेरिका नाइजीरियाई सरकार को दी जाने वाली सभी आर्थिक और सैन्य सहायता तुरंत रोक देगा।
संभावित सैन्य कार्रवाई की तैयारी
ट्रम्प ने ट्रुथ सोशल पर उल्लेख किया कि आवश्यकता पड़ने पर अमेरिका ‘गन के साथ कार्रवाई’ करेगा और उन आतंकवादियों को समाप्त करेगा जो ईसाइयों को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने अपने डिपार्टमेंट ऑफ वॉर को संभावित सैन्य कार्रवाई की तैयारी के लिए आदेश भी दे दिए हैं।
धार्मिक हिंसा का बढ़ता आंकड़ा
8 महीने में 7000 से अधिक ईसाई मारे गए
इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर सिविल लिबर्टीज एंड द रूल ऑफ लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से 10 अगस्त 2025 तक नाइजीरिया में धार्मिक हिंसा के चलते 7,000 से ज्यादा ईसाइयों की हत्या की जा चुकी है। इन हमलों के पीछे बोको हराम और फुलानी एक्सट्रीमिस्ट जैसे आतंकवादी संगठनों का हाथ बताया गया है।
नाइजीरिया का जवाब
नाइजीरिया का पलटवार
नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला अहमद टिनुबू ने कहा कि उनके देश को धार्मिक रूप से असहिष्णु बताना “ग़लत और भ्रामक” है। उन्होंने कहा, “हमारे देश की पहचान धार्मिक स्वतंत्रता और समान सम्मान पर आधारित है। नाइजीरिया किसी भी प्रकार के धार्मिक उत्पीड़न को बढ़ावा नहीं देता।”
अमेरिका-नाइजीरिया संबंधों पर प्रभाव
अमेरिका-नाइजीरिया संबंधों पर असर
कुछ समय पहले अमेरिकी सीनेटर टेड क्रूज ने नाइजीरिया को ‘धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने वाला देश’ घोषित करने की मांग की थी। ट्रम्प ने भी कहा था कि नाइजीरिया में ईसाई अस्तित्व के संकट का सामना कर रहे हैं, और ‘रैडिकल इस्लामिस्ट’ इन हमलों के लिए जिम्मेदार हैं।
हमलों के कारण
क्यों हो रहे हैं हमले
नाइजीरिया की 22 करोड़ की आबादी लगभग बराबर हिस्से में मुस्लिम और ईसाई समुदायों में बंटी हुई है। यहां बोको हराम जैसे कट्टरपंथी संगठन लंबे समय से हिंसा फैला रहे हैं। उत्तर नाइजीरिया में अक्सर ये हमले धार्मिक मतभेदों, भूमि विवादों, जातीय संघर्षों और आतंकवादी नेटवर्कों के कारण होते हैं।
अमेरिका ने 2020 में नाइजीरिया को धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने वाले देशों की सूची में शामिल किया था, लेकिन 2023 में यह टैग हटा लिया गया, जिसे दोनों देशों के रिश्ते सुधारने की कोशिश के रूप में देखा गया था।
