डोनाल्ड ट्रंप का आर्थिक सुधार पर जोरदार भाषण
ट्रंप का विपक्ष पर हमला
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने तीखे अंदाज में विपक्ष पर हमला बोला है. बुधवार रात व्हाइट हाउस के डिप्लोमैटिक रिसेप्शन रूम से देश को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि उन्हें सत्ता संभालते समय आर्थिक कचरा विरासत में मिला था. उन्होंने दावा किया कि अब वह इस गंदगी को साफ कर रहे हैं और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूती की राह पर ले जा रहे हैं. क्रिसमस ट्री और जॉर्ज वॉशिंगटन की तस्वीर के बीच खड़े होकर ट्रंप ने जनता को भरोसा दिलाने की कोशिश की कि हालात धीरे-धीरे सुधर रहे हैं.
आर्थिक सुधार की उपलब्धियां
अपने भाषण में ट्रंप ने चार्ट्स के माध्यम से अपनी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया. उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन को मौजूदा आर्थिक चुनौतियों का जिम्मेदार ठहराया. ट्रंप ने कहा कि 11 महीने पहले उन्हें एक पूरी तरह बिगड़ी हुई अर्थव्यवस्था मिली थी और अब वह उसे ठीक कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी नीतियों का असर दिखने लगा है और आने वाले समय में इसके नतीजे और स्पष्ट नजर आएंगे.
सरकारी आंकड़ों की सच्चाई
हालांकि, ट्रंप के दावों के विपरीत सरकारी आंकड़े कुछ और कहानी बयां करते हैं. महंगाई और बेरोजगारी आम लोगों की सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है. अप्रैल में लगाए गए आयात शुल्क के बाद कीमतों में तेजी देखी गई है. कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स अब तीन प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है जबकि अप्रैल में यह दर कम थी. बेरोजगारी दर भी जनवरी के चार प्रतिशत से बढ़कर अब चार दशमलव छह प्रतिशत तक पहुंच गई है. अप्रैल के बाद से हर महीने औसतन केवल सत्रह हजार नई नौकरियां ही जुड़ सकी हैं.
सकारात्मक संकेत
आर्थिक दबाव के बीच ट्रंप ने कुछ अच्छे संकेतों की ओर भी ध्यान दिलाया. उन्होंने कहा कि शेयर बाजार अब भी मजबूती दिखा रहा है और कई बार रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच चुका है. इसके साथ ही पेट्रोल और ईंधन की कीमतों में गिरावट को उन्होंने आम जनता के लिए राहत बताया. ट्रंप ने यह भी कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में बड़ी टेक कंपनियों का निवेश अमेरिका की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दे सकता है.
चुनावी रणनीति का हिस्सा
यह बयान ऐसे समय आया है जब हालिया चुनावों में ट्रंप की पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा है. इन नतीजों ने उनके गठबंधन की मजबूती पर सवाल खड़े कर दिए हैं. माना जा रहा है कि व्हाइट हाउस से दिया गया यह संबोधन 2026 में होने वाले मिड टर्म चुनावों से पहले अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश है. आने वाले महीनों में यह साफ होगा कि ट्रंप के दावे जनता को कितना प्रभावित कर पाते हैं और अमेरिकी राजनीति किस दिशा में जाती है.
