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डोनाल्ड ट्रंप का जापान के साथ व्यापार समझौता: टैरिफ में कमी की शर्तें

डोनाल्ड ट्रंप ने जापान के साथ एक महत्वपूर्ण व्यापार समझौता किया है, जिसमें 550 अरब डॉलर का निवेश शामिल है। उन्होंने टैरिफ में कमी की शर्तें रखी हैं, जो अन्य देशों के लिए चेतावनी का काम कर सकती हैं। ट्रंप का कहना है कि इस समझौते से लाखों नई नौकरियों का सृजन होगा और अमेरिका को इसका 90 प्रतिशत लाभ मिलेगा। जानें इस समझौते के पीछे की रणनीति और अन्य देशों के साथ व्यापार वार्ताओं की स्थिति।
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डोनाल्ड ट्रंप का जापान के साथ व्यापार समझौता: टैरिफ में कमी की शर्तें

डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ और जापान के साथ व्यापार समझौता

डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ: जहां एक ओर ट्रंप के टैरिफ वैश्विक व्यापार को प्रभावित कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अमेरिका और जापान के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापार समझौता संपन्न हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते में 550 अरब डॉलर के निवेश की बात की है। उन्होंने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि जापान ने पहली बार अमेरिका के लिए अपने बाजार को खोला है। इसके साथ ही, उन्होंने उन देशों को चेतावनी दी जो अमेरिका के साथ व्यापार समझौते में पीछे हैं।


ट्रंप की धमकी: बाजार खोलने की शर्त

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "मैं टैरिफ तभी कम करूंगा जब कोई देश अपने बाजार को खोलने के लिए सहमत होगा। यदि ऐसा नहीं होता है, तो और अधिक टैरिफ लगाए जाएंगे। जापान के बाजार अब अमेरिका के लिए खुले हैं, जिससे हमारा व्यापार बढ़ेगा।"


ट्रंप ने आगे कहा, "यदि मैं बड़े देशों को अमेरिका के लिए अपने बाजार खोलने के लिए मना सकता हूं, तो मैं हमेशा टैरिफ में छूट दूंगा।" उन्होंने टैरिफ को एक महत्वपूर्ण उपकरण बताया और कहा कि इनके बिना देशों को अपने बाजार खोलने के लिए राजी करना मुश्किल होगा। अमेरिका के लिए हमेशा शून्य टैरिफ की आवश्यकता है!


जापान के साथ समझौते के लाभ

डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी दावा किया कि अमेरिका-जापान व्यापार से लाखों नई नौकरियों का सृजन होगा, जो पहले कभी नहीं हुआ। उनका कहना है कि इसका 90 प्रतिशत लाभ अमेरिका को मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि जापान ने 15 प्रतिशत पारस्परिक टैरिफ लगाने पर सहमति जताई है।


ट्रंप ने फिलीपींस और इंडोनेशिया के साथ व्यापार समझौतों की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि इन देशों से आयातित उत्पादों पर 19 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा। वहीं, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल व्यापार वार्ता के लिए अमेरिका गया था और अब अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल अगस्त के दूसरे सप्ताह में भारत आएगा।