डोनाल्ड ट्रंप का नया निर्णय: 30 राजदूतों की वापसी की प्रक्रिया शुरू
नई दिल्ली में ट्रंप का निर्णय
नई दिल्ली: डोनाल्ड ट्रंप अपने हालिया निर्णय के कारण चर्चा में हैं। ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी विदेश नीति में बदलाव लाने के लिए लगभग 30 अनुभवी राजनयिकों को वापस बुलाने की प्रक्रिया शुरू की है। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, यह कदम ट्रंप के 'अमेरिका फर्स्ट' एजेंडे के अनुरूप उठाया गया है। हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इन अधिकारियों को बर्खास्त नहीं किया जाएगा, बल्कि उन्हें विदेश विभाग में अन्य भूमिकाएं दी जाएंगी।
जनवरी में कार्यकाल समाप्ति
सूत्रों के अनुसार, लगभग 29 देशों में तैनात मिशन प्रमुखों का कार्यकाल जनवरी में समाप्त किया जाएगा। स्टेट डिपार्टमेंट के दो अधिकारियों ने पिछले हफ्ते इन मिशन प्रमुखों को सूचित किया था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह किसी भी प्रशासन में सामान्य प्रक्रिया है। राजदूत राष्ट्रपति के व्यक्तिगत प्रतिनिधि होते हैं, और यह राष्ट्रपति का अधिकार है कि वह तय करें कि विदेशों में तैनात प्रतिनिधि अमेरिका फर्स्ट एजेंडे को आगे बढ़ाएं। अधिकतर राजदूत कैरियर फॉरेन सर्विस अधिकारी हैं, जिन्हें बाइडन प्रशासन के दौरान नियुक्त किया गया था।
अफ्रीका पर प्रभाव
अफ्रीका पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर
इस महत्वपूर्ण बदलाव का सबसे अधिक प्रभाव अफ्रीका पर पड़ेगा। ट्रंप के आदेश पर नाइजीरिया, सेनेगल, रवांडा, सोमालिया, मेडागास्कर और अन्य 13 देशों से राजदूतों को वापस बुलाया जा रहा है। एशिया के फिजी, लाओस, मार्शल आइलैंड्स, पापुआ न्यू गिनी, फिलीपींस और वियतनाम में भी राजदूतों की वापसी होगी।
यूरोप के चार देशों आर्मेनिया, नॉर्थ मैसेडोनिया, मोंटेनेग्रो और स्लोवाकिया से भी अमेरिकी राजदूतों को वापस बुलाया जाएगा। मध्य पूर्व में अल्जीरिया और मिस्र, दक्षिण और मध्य एशिया में श्रीलंका और नेपाल, ग्वाटेमाला और सूरीनाम के अमेरिकी राजदूत भी लौटेंगे।
अमेरिकी कूटनीति पर प्रभाव
क्या इस फैसले से कमजोर होगी अमेरिकी कूटनीति?
ट्रंप सरकार के इस निर्णय पर कई डेमोक्रेट्स ने चिंता व्यक्त की है। उनका मानना है कि पहले से ही कई राजदूत पद खाली हैं, और इस समय ऐसा कदम उठाना अमेरिकी कूटनीति को कमजोर कर सकता है।
डेमोक्रेट सीनेटर जीन शाहीन ने ट्रंप के इस निर्णय की आलोचना की है, यह कहते हुए कि ट्रंप प्रशासन अमेरिका की वैश्विक नेतृत्व की भूमिका को कमजोर कर रहा है।
