डोनाल्ड ट्रंप की नई शांति योजना: क्या हमास को मिलेगी चेतावनी का असर?

ट्रंप की शांति योजना का अनावरण
ट्रंप का हमास पर कड़ा रुख: पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा संकट के समाधान के लिए एक नई 20-बिंदु शांति योजना प्रस्तुत की है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यदि हमास इस योजना को नहीं मानता है, तो उसका अंत 'तेज, क्रूर और हिंसक' होगा। यह चेतावनी उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर साझा की। ट्रंप ने यह भी कहा कि कई मध्य पूर्वी सहयोगी देश उनकी योजना का समर्थन कर रहे हैं और कार्रवाई के लिए तैयार हैं।
योजना के मुख्य बिंदु और हमास की प्रतिक्रिया
ट्रंप की शांति योजना में हमास का निरस्त्रीकरण, बंधकों के शवों की वापसी और गाजा की प्रशासनिक संरचना से हमास की पूर्ण निकासी शामिल है। पहले चरण में, हमास को 15 बंधकों के शव लौटाने होंगे, लेकिन उनका कहना है कि शव मलबे में दबे हुए हैं और उन्हें निकालना संभव नहीं है।
हमास की सैन्य ताकत का अंत: दूसरे चरण में, हमास को अपनी सैन्य ताकत समाप्त करनी होगी और गाजा की भविष्य की सरकार में उसकी कोई भूमिका नहीं होगी। यह मांग विवादास्पद है, जिसे हमास ने अस्वीकार कर दिया है। संगठन को डर है कि इससे उनके जनाधार और राजनीतिक अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो सकता है। इसलिए, हमास पूरी योजना को खारिज करने के मूड में है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की हिचकिचाहट
ट्रंप की योजना में यह भी शामिल है कि यदि युद्धविराम होता है, तो गाजा में एक बहुराष्ट्रीय शांति बल तैनात किया जाएगा। लेकिन रिपोर्टों के अनुसार, अधिकांश देश इसमें भाग लेने के लिए तैयार नहीं हैं। उनका मानना है कि ऐसा करने पर वे सीधे हमास के साथ टकराव में आ सकते हैं, जो उनकी क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है।
मध्य पूर्व के देशों की यह हिचकिचाहट ट्रंप की योजना की सफलता पर सवाल खड़े कर रही है, क्योंकि बिना क्षेत्रीय समर्थन के कोई भी शांति समझौता प्रभावी नहीं हो पाएगा।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति की कूटनीतिक पहल
ट्रंप की इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेन्स इजरायल पहुंच चुके हैं। वे वहां के नेताओं से मुलाकात कर शांति प्रक्रिया को मजबूती देने की कोशिश कर रहे हैं। अमेरिका यह दिखाना चाहता है कि वह गाजा संकट को केवल दूर से नहीं देख रहा, बल्कि एक निर्णायक भूमिका निभाने को तैयार है। जेडी वेन्स की मौजूदगी से यह स्पष्ट संकेत गया है कि ट्रंप प्रशासन इस योजना को केवल एक प्रस्ताव नहीं, बल्कि लागू करने योग्य रणनीति के रूप में देखता है।
हमास को चुकानी पड़ेगी भारी कीमत
ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि यदि उनकी शांति योजना को अस्वीकार किया गया, तो हमास को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उनका यह रुख इज़रायल को अप्रत्यक्ष समर्थन देता है, जिससे गाजा में तनाव और बढ़ सकता है। फिलहाल, हमास की ओर से कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिला है। यदि यह गतिरोध बना रहता है, तो गाजा में शांति की संभावनाएं और भी धुंधली हो सकती हैं।
कूटनीतिक युद्ध की शुरुआत?
डोनाल्ड ट्रंप की यह योजना कूटनीति के क्षेत्र में एक आक्रामक कदम है, जिसका उद्देश्य हमास पर दबाव बढ़ाना है। हालांकि, हमास की प्रतिक्रिया और अन्य देशों की भूमिका ही तय करेगी कि यह योजना सफल होगी या एक और अधूरी कोशिश बनकर रह जाएगी। वर्तमान में, मध्य पूर्व एक बार फिर से बड़े बदलाव की दहलीज पर खड़ा नजर आ रहा है।