डोनाल्ड ट्रंप की वायरल तस्वीर: क्या वाइट हाउस में सो रहे थे राष्ट्रपति?
ट्रंप की झपकी ने मचाई हलचल
नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार उनकी एक तस्वीर वायरल हो गई है, जिसमें वे वाइट हाउस में एक आधिकारिक कार्यक्रम के दौरान झपकी लेते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह कार्यक्रम दवाओं की कीमतों में कमी की घोषणा के लिए आयोजित किया गया था। जैसे ही यह तस्वीरें सोशल मीडिया पर आईं, ट्रंप के 'सोते हुए क्षणों' पर मीम्स और टिप्पणियों की बाढ़ आ गई।
सीएनएन की रिपोर्ट में क्या कहा गया?
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को हुए कार्यक्रम में ट्रंप कुछ समय के लिए आंखें बंद किए बैठे रहे। कैमरों में कैद दृश्यों में उनकी आंखें बार-बार बंद और खुलती नजर आईं, जैसे वे नींद से लड़ने की कोशिश कर रहे हों। एक पल में उन्हें अपनी आंखें मलते हुए भी देखा गया, जिससे यह स्पष्ट था कि वे थके हुए थे या उनींदे महसूस कर रहे थे।
कैलिफोर्निया के गवर्नर का तंज
ट्रंप की तस्वीरें वायरल होते ही, विपक्षी नेताओं ने इसका फायदा उठाया। कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसम के प्रेस कार्यालय ने मजाकिया अंदाज में ट्रंप की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, 'नींद में डूबा हुआ डॉन वापस आ गया है।' इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर बहस और मीम्स का दौर तेज हो गया।
वाइट हाउस की सफाई
जब इस विवाद पर वाइट हाउस से सवाल किया गया, तो प्रवक्ता टेलर रोजर्स ने स्पष्ट किया। उन्होंने कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप सो नहीं रहे थे। उन्होंने पूरे कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया और घोषणा के बाद भाषण भी दिया।' प्रवक्ता ने यह भी बताया कि यह निर्णय अमेरिकी जनता के लिए बहुत फायदेमंद है, क्योंकि इससे दवाओं की कीमतों में भारी कमी आएगी।
मीडिया का ध्यान भटकाने का आरोप
ट्रंप के समर्थकों ने इस घटना को मीडिया का ध्यान भटकाने का प्रयास बताया। उनका कहना है कि राष्ट्रपति के स्वास्थ्य सुधारों के ऐतिहासिक कदम पर ध्यान देने के बजाय विरोधी केवल 'सोने' वाली तस्वीरों पर राजनीति कर रहे हैं। यह नीति डायबिटीज, हार्ट डिजीज और मोटापे से जूझ रहे लाखों अमेरिकियों के लिए राहत लेकर आएगी।
हालांकि ट्रंप की झपकी वाली तस्वीरों ने इंटरनेट पर हलचल मचा दी है, लेकिन वाइट हाउस के अनुसार उनका ध्यान अभी भी दवाओं की कीमत घटाने जैसे महत्वपूर्ण फैसलों पर है। एक ओर विपक्ष उनके 'आराम के पल' पर सवाल उठा रहा है, वहीं ट्रंप समर्थक इसे मीडिया की 'ओवर-रीएक्शन' करार दे रहे हैं।
