Newzfatafatlogo

डोनाल्ड ट्रंप की शांति पुरस्कार के बाद की मुश्किलें

डोनाल्ड ट्रंप को फीफा द्वारा शांति पुरस्कार मिलने के बाद कंबोडिया और थाईलैंड के बीच फिर से युद्ध छिड़ गया है। ट्रंप ने कई युद्धों को रोकने का दावा किया था, लेकिन हाल की घटनाओं ने उनकी छवि को धूमिल कर दिया है। जानें कैसे ट्रंप के अहंकार ने उन्हें इस स्थिति में पहुंचाया और वैश्विक प्रतिक्रिया क्या रही।
 | 
डोनाल्ड ट्रंप की शांति पुरस्कार के बाद की मुश्किलें

ट्रंप का अहंकार और वैश्विक प्रतिक्रिया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक ऐसा झटका लगा है जिसने उनके आत्मविश्वास को बुरी तरह प्रभावित किया है। पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की हालिया मुलाकात के बाद ट्रंप के साथ हुई घटनाओं ने अमेरिका और यूरोप में हलचल मचा दी है। वहां के नागरिक ट्रंप के प्रति इतनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं कि उन्हें देशद्रोही तक कहा जा रहा है। सोशल मीडिया पर ट्रंप को 'ट्रेटर' और 'रशियन' जैसे नामों से ट्रेंड किया जा रहा है। पीएम मोदी और पुतिन की मुलाकात के बाद ट्रंप को जो परिणाम भुगतने पड़े हैं, उसे देखकर भारत के लोग संतोष महसूस कर रहे हैं। ट्रंप ने एक साथ कई गलतियाँ की हैं।


फीफा का शांति पुरस्कार और ट्रंप की प्रतिक्रिया

फुटबॉल की प्रमुख संस्था फीफा ने ट्रंप को कई युद्धों को रोकने के लिए शांति पुरस्कार दिया। लेकिन इसके बाद जो घटनाएँ घटीं, उन्होंने पूरी दुनिया को चौंका दिया। ट्रंप इस पुरस्कार को लेकर इतने उत्साहित थे कि उन्होंने खुद ही मेडल पहन लिया। इसके बाद उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीज फायर का श्रेय भी लिया। ट्रंप ने यह भी दावा किया कि उन्होंने कंबोडिया और थाईलैंड के बीच युद्ध को भी रोका।


कंबोडिया और थाईलैंड के बीच फिर से युद्ध

हालांकि, ट्रंप को यह नहीं पता था कि मेडल पहनने के कुछ घंटों बाद ही कंबोडिया और थाईलैंड के बीच फिर से युद्ध शुरू हो जाएगा। थाईलैंड ने कंबोडिया पर हवाई हमले किए, जिसका कंबोडिया ने जवाब दिया। मजेदार बात यह है कि ट्रंप ने दो महीने पहले ही इन दोनों देशों के बीच सीज फायर पर हस्ताक्षर किए थे। अब दोनों पक्ष एक-दूसरे पर पहले हमले का आरोप लगा रहे हैं। हाल ही में सीमा पर एक और झड़प हुई, जिसमें थाईलैंड के दो सैनिक घायल हुए।