डोनाल्ड ट्रंप ने सूडान संघर्ष पर लिया सक्रिय रुख
नई दिल्ली में ट्रंप का बयान
नई दिल्ली: सूडान में पिछले डेढ़ साल से चल रहे हिंसक संघर्ष पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार सख्त प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के अनुरोध पर वह सूडान में जारी गृहयुद्ध को 'स्थिर' करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
ट्रंप की प्राथमिकता में सूडान
ट्रंप ने स्वीकार किया कि यह युद्ध पहले उनकी प्राथमिकता में नहीं था, लेकिन देश में हो रहे 'भयानक अत्याचारों' ने इसे अब उनकी प्राथमिकता बना दिया है। उन्होंने तुरंत युद्ध को रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया।
सऊदी प्रिंस के अनुरोध पर सक्रियता
एक बिजनेस फोरम में ट्रंप ने कहा कि सूडान में सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) के बीच चल रही लड़ाई उनके 'चार्ट में नहीं थी', लेकिन सऊदी प्रिंस के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वह सऊदी अरब, यूएई और अन्य क्षेत्रीय देशों के साथ मिलकर इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए कदम उठाएंगे। ट्रंप के अनुसार, सूडान में हालात अब 'दुनिया का सबसे हिंसक संकट' बन चुके हैं।
अमेरिका और सऊदी अरब की पहल का स्वागत
सूडान की सऊदी समर्थित संप्रभु परिषद, जिसका नेतृत्व सेना प्रमुख अब्देल फतह अल-बुर्हान कर रहे हैं, ने अमेरिका और रियाद के प्रयासों का स्वागत किया है। परिषद ने संयुक्त बयान में कहा कि वॉशिंगटन और रियाद द्वारा 'सूडान में खून-खराबा रोकने' की कोशिशें महत्वपूर्ण हैं। यह प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है जब युद्ध के कारण लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं और मानवीय स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है।
RSF के कब्जे से बढ़ी चिंता
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की रुचि तब और बढ़ गई जब हाल ही में RSF ने दारफुर के महत्वपूर्ण शहर एल-फशेर पर कब्जा कर लिया। इस कब्जे से पहले शहर महीनों तक घिरा रहा। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि इस क्षेत्र में जातीय हिंसा, नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध जैसी स्थितियां बन रही हैं। इस कब्जे ने संघर्ष के भविष्य को लेकर वैश्विक चिंताएं और बढ़ा दी हैं।
ट्रंप का पहले नजरअंदाज करना
ट्रंप ने इस वर्ष अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत से अब तक सूडान युद्ध पर बहुत कम चर्चा की थी। उनका ध्यान मुख्य रूप से यूक्रेन और गाजा के युद्ध पर केंद्रित रहा। लेकिन बुधवार को उन्होंने अचानक सक्रिय रुख अपनाते हुए कहा कि वह 'राष्ट्रपति के प्रभाव' का उपयोग कर इस युद्ध को तुरंत रोकने की कोशिश करेंगे। उन्होंने सोशल मीडिया पर भी सूडान को 'भयानक अत्याचारों का केंद्र' बताया।
अमेरिका के प्रयास पहले से जारी
हालांकि ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से इस मुद्दे को पहले कम महत्व दिया, लेकिन अमेरिकी कूटनीति पिछले कुछ महीनों से सक्रिय थी। हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने यूएई से युद्धविराम के लिए सहयोग मांगा। अमेरिका के अफ्रीका मामलों के दूत मसाद बुलोस ने भी सूडान को 'दुनिया का सबसे बड़ा मानवीय संकट' बताया। ट्रंप का नया रुख सऊदी अरब के साथ उनके घनिष्ठ संबंधों और प्रिंस सलमान के दबाव का परिणाम माना जा रहा है।
