डोनाल्ड ट्रंप पर नए ईमेल्स के खुलासे से अमेरिकी राजनीति में हलचल
अमेरिकी राजनीति में नया विवाद
अमेरिकी राजनीति में एक बार फिर से हलचल मच गई है। जेफ्री एप्सटीन से संबंधित नई ईमेल्स के खुलासे के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एप्सटीन के साथ संबंधों पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। हाउस डेमोक्रेट्स ने बुधवार को इन ईमेल्स को सार्वजनिक करते हुए दावा किया कि इनमें ट्रंप की एप्सटीन की गतिविधियों के बारे में जानकारी मिलती है। ट्रंप ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हुए इसे एक 'राजनीतिक साजिश' करार दिया है.
ईमेल्स में ट्रंप की जानकारी का जिक्र
बुधवार को जारी किए गए ईमेल्स में एप्सटीन, ब्रिटिश सोशलाइट गिसलेन मैक्सवेल और लेखक माइकल वोल्फ के बीच बातचीत शामिल है। 2019 में वोल्फ को भेजे गए एक ईमेल में एप्सटीन ने लिखा कि ट्रंप को 'लड़कियों के बारे में पता था'। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि इस संदर्भ का क्या अर्थ है।
जेफ्री एप्सटीन, जो पहले ही नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण के मामलों में दोषी ठहराया जा चुका था, 2019 में न्यूयॉर्क की जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाया गया था। उस समय उसने कई प्रभावशाली लोगों के साथ अपने संबंधों का खुलासा किया था.
ट्रंप का बयान
राष्ट्रपति ट्रंप ने इन नए आरोपों को 'झूठा और राजनीतिक रूप से प्रेरित' बताया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि डेमोक्रेट्स फिर से एप्सटीन से जुड़े झूठे आरोपों को लेकर आए हैं ताकि वे सरकारी शटडाउन और अपनी विफलताओं से ध्यान भटका सकें। ट्रंप ने कहा कि वे एप्सटीन के 'कभी दोस्त' थे, लेकिन 2000 के दशक की शुरुआत में उनके बीच झगड़ा हो गया था।
नई सांसद का दबाव
इस दिन एरिज़ोना से नई डेमोक्रेट सांसद एडेलिटा ग्रिजाल्वा ने हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में शपथ ली। उनकी शपथ के साथ ही एप्सटीन से जुड़ी अनक्लासिफाइड फाइलों को सार्वजनिक करने के लिए कांग्रेस में नया दबाव बना है। ग्रिजाल्वा ने कहा, 'कांग्रेस को अब अपनी निगरानी की भूमिका निभानी चाहिए। जनता को यह जानने का अधिकार है कि एप्सटीन केस से जुड़ी पूरी सच्चाई क्या है।'
ईमेल्स में ट्रंप की उपस्थिति का दावा
जारी दस्तावेजों में एक 2011 का ईमेल भी शामिल है जिसमें एप्सटीन ने मैक्सवेल को लिखा था कि ट्रंप 'वह कुत्ता जो अभी तक भौंका नहीं है'। उसने यह भी लिखा कि ट्रंप ने 'मेरे घर में घंटों बिताए' थे उस पीड़िता के साथ, जिसका नाम ईमेल में छिपा दिया गया है।
इसके अलावा, रिपब्लिकनों द्वारा बाद में जारी किए गए 20,000 एप्सटीन-संबंधी दस्तावेजों में ट्रंप का नाम कई बार आता है। हालांकि, ज्यादातर बार यह राजनीतिक संदर्भों या कथित अफवाहों में है।
व्हाइट हाउस का स्पष्टीकरण
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलाइन लेविट ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि इन ईमेल्स से कोई नया अपराध साबित नहीं होता। उन्होंने बताया कि जिन पीड़िता का नाम छिपाया गया है, वह वर्जीनिया ग्यूफ्रे थीं, जिनकी अप्रैल में आत्महत्या हो गई थी। लेविट ने कहा, 'इन ईमेल्स में ऐसा कुछ भी नहीं है जो यह दिखाए कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कोई गलत काम किया।'
रिपब्लिकन सांसदों में मतभेद
एप्सटीन मामले की फाइलें सार्वजनिक करने की मांग केवल डेमोक्रेट्स तक सीमित नहीं है। रिपब्लिकन सांसद थॉमस मैसी ने इस प्रस्ताव का नेतृत्व किया है। उनके अनुसार, एडेलिटा ग्रिजाल्वा के समर्थन से अब उनके पास बहुमत है जिससे हाउस में फाइलों की रिलीज पर वोटिंग कराई जा सकती है।
हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने रिपब्लिकन सांसदों लॉरेन बोएबर्ट और नैंसी मेस से आग्रह किया है कि वे इस याचिका से अपने नाम वापस लें। बोएबर्ट ने कहा कि उन पर कोई दबाव नहीं है और वे याचिका का समर्थन जारी रखेंगी।
जनता में असंतोष बढ़ता जा रहा है
एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, केवल 40% रिपब्लिकन समर्थक ट्रंप के एप्सटीन फाइलों को लेकर रवैये से संतुष्ट हैं, जबकि कुल प्रदर्शन के लिए उन्हें 90% समर्थन मिला था। इसका अर्थ है कि यह मुद्दा ट्रंप की लोकप्रियता पर असर डाल सकता है।
एप्सटीन मामले में नए ईमेल्स के खुलासे ने अमेरिकी राजनीति में हलचल मचा दी है। ट्रंप प्रशासन जहां इसे 'राजनीतिक साजिश' बता रहा है, वहीं विपक्ष और कुछ रिपब्लिकन सांसद इस बात पर अड़े हैं कि सभी दस्तावेज सार्वजनिक किए जाएं ताकि सच्चाई सामने आए।
