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डोनाल्ड ट्रम्प का विदेशी कुशल श्रमिकों की आवश्यकता पर बयान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में कहा कि अमेरिका में कई महत्वपूर्ण नौकरियों के लिए कुशल श्रमिकों की कमी है, जिसके चलते विदेशी कुशल श्रमिकों की आवश्यकता है। उन्होंने H-1B वीजा नीति में नरमी के संकेत दिए और विदेशी छात्रों के महत्व पर भी जोर दिया। ट्रम्प का मानना है कि यदि अमेरिका में विदेशी छात्रों की संख्या कम होती है, तो इससे कॉलेजों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उनका यह बयान अमेरिका के वैश्विक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है।
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डोनाल्ड ट्रम्प का विदेशी कुशल श्रमिकों की आवश्यकता पर बयान

अमेरिका में कुशल श्रमिकों की कमी

न्यूज मीडिया :- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में कहा कि अमेरिका में कई महत्वपूर्ण नौकरियों के लिए पर्याप्त कुशल लोग नहीं हैं, इसलिए देश को विदेशी कुशल श्रमिकों की आवश्यकता है। यह बयान उन्होंने फॉक्स न्यूज के एक साक्षात्कार में दिया। जब एंकर लॉरा इंग्राहम ने पूछा कि क्या H-1B वीजा की संख्या में कमी की जाएगी, क्योंकि इससे अमेरिकी श्रमिकों के वेतन पर प्रभाव पड़ता है, तो ट्रम्प ने सहमति जताई, लेकिन यह भी कहा कि हमें बाहर से प्रतिभा लाने की आवश्यकता है।



जब इंग्राहम ने कहा कि अमेरिका में पहले से ही काफी प्रतिभाशाली लोग हैं, तो ट्रम्प ने उत्तर दिया कि कुछ विशेष क्षेत्रों में आवश्यक कौशल की कमी है। उन्होंने उदाहरण दिया कि बेरोजगार लोगों को मिसाइल फैक्ट्री में नहीं भेजा जा सकता। इस बयान को H-1B नीति पर ट्रम्प के दृष्टिकोण में नरमी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। इससे पहले, सितंबर में ट्रम्प प्रशासन ने H-1B वीजा की आवेदन शुल्क को 1 हजार डॉलर से बढ़ाकर 1 लाख डॉलर कर दिया था।


ट्रम्प ने विदेशी छात्रों के प्रति अपने दृष्टिकोण में भी बदलाव दिखाया। उन्होंने कहा कि विदेशी छात्रों को अमेरिका में पढ़ाई करने की अनुमति मिलनी चाहिए, क्योंकि वे न केवल देश की शिक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं, बल्कि विश्वविद्यालयों की आर्थिक स्थिति को भी बेहतर बनाते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि चीन और अन्य देशों से आने वाले छात्रों की संख्या में कमी आई, तो अमेरिका के आधे कॉलेज बंद हो जाएंगे।


उन्होंने कहा कि हमें दुनिया भर से आने वाले छात्रों को रोकने का प्रयास नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह हमारे लिए हानिकारक होगा। अंत में, ट्रम्प ने कहा कि वे चाहते हैं कि अमेरिका दुनिया के साथ बेहतर संबंध बनाए रखे और शिक्षा के क्षेत्र में वैश्विक प्रतिभाओं का स्वागत करता रहे।