ड्रग संकट पर ट्रंप का ऐतिहासिक निर्णय: फेंटानिल को सामूहिक विनाश का हथियार घोषित किया
अमेरिका में ड्रग संकट का नया मोड़
नई दिल्ली: अमेरिका में ड्रग संकट को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक महत्वपूर्ण और असाधारण कदम उठाया है। उन्होंने फेंटानिल जैसे खतरनाक सिंथेटिक ड्रग को आधिकारिक रूप से 'सामूहिक विनाश का हथियार' करार दिया है।
यह निर्णय न केवल ड्रग तस्करी के खिलाफ सख्त रुख को दर्शाता है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि ट्रंप प्रशासन इस समस्या को बम और जैविक हथियारों के समान गंभीर मानता है।
फेंटानिल पर ऐतिहासिक निर्णय
सोमवार को ओवल ऑफिस में डोनाल्ड ट्रंप ने इस संबंध में एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ, ज्वाइंट चीफ्स के चेयरमैन जनरल डैन केन और सीमा सुरक्षा मामलों के प्रमुख टॉम होमन उपस्थित थे। ट्रंप ने कहा कि फेंटानिल वही तबाही मचा रहा है, जो कोई बम नहीं कर सकता। उनका कहना था कि यह जहर अमेरिका की आबादी को अंदर से खत्म कर रहा है।
सामूहिक विनाश की नई परिभाषा
अब तक 'सामूहिक विनाश का हथियार' शब्द परमाणु, रासायनिक और जैविक हथियारों के लिए प्रयोग होता था। फेंटानिल को इस श्रेणी में शामिल करना अमेरिकी नीति में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है। आदेश में कहा गया है कि इस ड्रग से होने वाली मौतें और सामाजिक नुकसान किसी युद्ध से कम नहीं हैं, इसलिए इसे सामान्य नशे की समस्या की तरह नहीं देखा जा सकता।
तस्करों पर शिकंजा कसने की तैयारी
कार्यकारी आदेश के तहत गृह सुरक्षा विभाग को निर्देश दिया गया है कि वह विशेष खुफिया संसाधनों का उपयोग कर फेंटानिल तस्करी में शामिल गिरोहों की पहचान करे। ये वही संसाधन हैं, जिनका उपयोग आमतौर पर सामूहिक विनाश के हथियारों का पता लगाने में किया जाता है। इससे संकेत मिलता है कि ड्रग माफिया को अब राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे की तरह ट्रीट किया जाएगा।
वित्तीय नेटवर्क भी निशाने पर
आदेश में विदेश और वित्त विभाग को भी महत्वपूर्ण भूमिका दी गई है। इन विभागों को फेंटानिल तस्करी से जुड़े वित्तीय संस्थानों और समूहों पर प्रतिबंध लगाने तथा उनकी संपत्तियां जब्त करने का अधिकार दिया गया है। इसके साथ ही पेंटागन और न्याय विभाग के बीच तालमेल बढ़ाने पर जोर दिया गया है, ताकि ड्रग नेटवर्क को हर स्तर पर तोड़ा जा सके।
नीति बदलाव और नए सवाल
ट्रंप प्रशासन इससे पहले भी कुछ ड्रग तस्करी गिरोहों को आतंकवादी संगठन घोषित कर चुका है। हालांकि, कानूनी विशेषज्ञों ने ऐसे फैसलों की वैधता पर सवाल उठाए हैं। इसी बीच ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि गांजे को कम खतरनाक मादक पदार्थ की श्रेणी में लाने पर विचार किया जा रहा है। इससे स्पष्ट है कि ड्रग नीति को लेकर अमेरिका में एक नई बहस शुरू हो चुकी है।
