तंजानिया में चुनावी हिंसा: 700 से अधिक मौतों का दावा, जानें क्या है मामला
 
                           
                        तंजानिया में चुनावी हिंसा का संकट
नई दिल्ली: अफ्रीका का तंजानिया इस समय गंभीर हिंसा का सामना कर रहा है। विपक्षी पार्टी चाडेमा ने आरोप लगाया है कि हालिया चुनावी हिंसा में लगभग 700 लोग मारे गए हैं। पार्टी के प्रवक्ता जॉन किटोका के अनुसार, केवल दार-ए-सलाम में 350 लोगों की मौत हुई है, जबकि म्वांजा में 200 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं। देश के अन्य क्षेत्रों से भी तबाही की खबरें आ रही हैं।
चुनावों के बाद भड़की हिंसा
हिंसा की शुरुआत बुधवार को हुए सामान्य चुनावों के बाद हुई, जिसमें राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन और उनकी पार्टी चामा चा मापिन्दुजी (CCM) को बढ़त मिलती दिखाई दी। विपक्षी दलों ने इसे धांधली का चुनाव करार दिया और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि प्रदर्शनकारियों ने पोस्टर फाड़े, पुलिस थानों पर हमले किए और कई स्थानों पर आगजनी की।
कर्फ्यू और इंटरनेट बंद
बढ़ती अराजकता को देखते हुए सरकार ने पूरे देश में कर्फ्यू और इंटरनेट सेवा बंद करने का निर्णय लिया। विदेशी पत्रकारों को रिपोर्टिंग से रोका गया, जिससे हालात की सही जानकारी मिलना मुश्किल हो गया। सेना प्रमुख जनरल जैकब मकुंडा ने प्रदर्शनकारियों को 'अपराधी' करार देते हुए सख्त कार्रवाई का आदेश दिया।
जांजीबार चुनाव परिणामों से बढ़ा तनाव
जांजीबार में सत्तारूढ़ दल के नेता हुसैन म्विनी को 78.8% वोट से विजेता घोषित किया गया, जिसे विपक्षी दल ACT-वजालेंडो ने 'धोखाधड़ी' बताया। पार्टी ने आरोप लगाया कि उसके प्रतिनिधियों को मतगणना केंद्रों से बाहर निकाला गया और परिणामों में हेरफेर किया गया।
मानवाधिकार संगठनों और UN की चिंता
हिंसा के बीच मानवाधिकार संगठनों ने सरकार की कार्रवाई पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि विपक्षी नेताओं को डराने-धमकाने और अपहरण जैसी घटनाओं से लोकतंत्र को खतरा है। संयुक्त राष्ट्र (UN) ने तंजानिया सरकार से संयम बरतने की अपील की है और कहा है कि 'सुरक्षा बलों को अनावश्यक हिंसा से बचना चाहिए और शांति स्थापित करने के प्रयास करने चाहिए।'
पुलिस और सेना के साथ झड़पों के बीच इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। जांजीबार में सत्ताधारी दल की जीत ने तनाव को और बढ़ा दिया है। संयुक्त राष्ट्र ने संयम और शांति की अपील की है।
