ताइवान की सेना ने डच खुफिया अधिकारियों के साथ गुप्त बैठक के आरोपों का खंडन किया
ताइवान की सेना का खंडन
ताइवान की सेना ने हाल ही में उन ऑनलाइन रिपोर्टों का सख्त खंडन किया है, जिनमें यह आरोप लगाया गया था कि उसके खुफिया अधिकारी डच समकक्षों के साथ गुप्त बैठकें कर रहे थे। ताइपे टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह दावा चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) द्वारा ताइवान को बदनाम करने के लिए चलाए जा रहे एक गलत सूचना अभियान का हिस्सा है।
सैन्य खुफिया ब्यूरो (एमआईबी) ने मंगलवार को एक बयान जारी करते हुए यूरोप वांशिदा वेब द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज किया। यह वेबसाइट हंगरी की है और इसे कथित तौर पर सीसीपी से जुड़े विदेशी चीनी समूहों द्वारा संचालित किया जाता है। इस वेबसाइट पर एक पोस्ट में दावा किया गया था कि छह एमआईबी अधिकारी मई में डच रक्षा खुफिया और सुरक्षा सेवा (डीआईएसएस) के साथ गुप्त वार्ता के लिए नीदरलैंड गए थे, और डच अधिकारियों ने पिछले महीने ताइवान का दौरा किया।
दुष्प्रचार का आरोप
एमआईबी ने इस सामग्री को विकृत और तथ्यों के विपरीत बताते हुए खारिज किया और कहा कि यह एक समन्वित दुष्प्रचार प्रयास का हिस्सा है। वेबसाइट ने कथित बैठकों की तस्वीरें, एक एमआईबी अधिकारी के लिए हवाई जहाज का टिकट, और ताइवानी व डच खुफिया कर्मियों के नाम प्रकाशित किए, जिन्हें ब्यूरो ने मनगढ़ंत और भ्रामक बताया।
यह दुष्प्रचार अभियान चीन की संज्ञानात्मक युद्ध रणनीति को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच चलाया जा रहा है। ताइवानी अधिकारियों का कहना है कि यह रणनीति जनता के विश्वास को कम करने और ताइवान की अंतर्राष्ट्रीय साझेदारियों की धारणाओं में हेरफेर करने के लिए बनाई गई है।
