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तारिक रहमान की बांग्लादेश में वापसी: क्या है इसके राजनीतिक मायने?

तारिक रहमान की बांग्लादेश में वापसी ने राजनीतिक परिदृश्य में हलचल मचा दी है। 17 साल के निर्वासन के बाद, उन्होंने वोटर रजिस्ट्रेशन और एनआईडी प्राप्त किया, जिससे कई सवाल उठ रहे हैं। अवामी लीग ने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए इसे कानून का उल्लंघन बताया है। आगामी चुनावों के संदर्भ में, रहमान की वापसी बीएनपी के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की राजनीति और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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तारिक रहमान की बांग्लादेश में वापसी: क्या है इसके राजनीतिक मायने?

बांग्लादेश में राजनीतिक हलचल


नई दिल्ली : बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान की बांग्लादेश लौटने के बाद राजनीतिक गतिविधियों में तेजी आई है। 17 साल के निर्वासन के बाद, रहमान ने केवल दो दिन में वोटर लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराने और नेशनल आइडेंटिटी कार्ड (एनआईडी) प्राप्त करने की प्रक्रिया पूरी कर ली। इस कदम ने राजनीतिक दलों और आम जनता के बीच कई सवाल खड़े कर दिए हैं।


तारिक रहमान का रजिस्ट्रेशन

तारिक रहमान ने किए औपचारिक रजिस्ट्रेशन
रहमान ने ढाका में चुनाव आयोग के कार्यालय जाकर अपनी वोटर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी की। इस अवसर पर उनकी बेटी जाइमा रहमान भी मौजूद थीं, जिन्होंने अपना एनआईडी कार्ड बनाने की प्रक्रिया भी पूरी की। चुनाव आयोग ने बताया कि रहमान की जानकारी मौजूदा रिकॉर्ड से मिलाकर वेरिफाई की गई, और 24 घंटे के भीतर उनका एनआईडी नंबर जारी किया जाएगा। इस प्रक्रिया में उनकी फिंगरप्रिंट और आंखों की पुतली का स्कैन किया गया।


अवामी लीग की प्रतिक्रिया


अवामी लीग ने उठाए सवाल
तारिक रहमान के रजिस्ट्रेशन के बाद अवामी लीग ने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। पार्टी का कहना है कि बांग्लादेशी कानून के अनुसार, चुनावों की घोषणा के बाद नए वोटर का रजिस्ट्रेशन कानूनी रूप से संभव नहीं है। इसके अलावा, शनिवार को सरकारी छुट्टी होने के बावजूद इस प्रक्रिया को पूरा कराने पर भी अवामी लीग ने हैरानी जताई। उनका आरोप है कि पहले से दोषी करार दिए गए रहमान को कानून के खिलाफ विशेषाधिकार दिए जा रहे हैं।


राजनीतिक परिप्रेक्ष्य

राजनीतिक महत्व और आगामी चुनाव
तारिक रहमान की वापसी ऐसे समय में हुई है जब बांग्लादेश में 13वें राष्ट्रीय संसदीय चुनाव और जुलाई चार्टर पर जनमत संग्रह की तारीख 12 फरवरी 2026 निर्धारित की गई है। माना जा रहा है कि रहमान बोगरा जिले के सदर चुनाव क्षेत्र से बीएनपी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे। यह क्षेत्र बीएनपी और उनके परिवार का गढ़ माना जाता है। स्थानीय नेताओं ने पहले ही उनका नामांकन पत्र सुरक्षित कर लिया है।


राजनीतिक रणनीतियाँ

स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव
रहमान की वापसी और वोटर रजिस्ट्रेशन ने राजनीतिक दलों के बीच नई रणनीतियों और चर्चाओं को जन्म दिया है। बीएनपी समर्थकों ने इसे अपने लिए उत्साहवर्धक कदम बताया है, जबकि अवामी लीग और अन्य विपक्षी दल इसे विशेषाधिकार और नियमों के उल्लंघन के रूप में देख रहे हैं। इस घटना ने न केवल बांग्लादेश की राजनीतिक हलचल को तेज किया है, बल्कि चुनावी तैयारियों और जनमत संग्रह के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण संकेत दिए हैं।


संभावित प्रभाव और भविष्य की रणनीति
रहमान के रजिस्ट्रेशन और एनआईडी प्राप्त करने के कदम से बीएनपी के चुनाव अभियान को मजबूती मिलने की संभावना है। इसके साथ ही अवामी लीग के आरोप और राजनीतिक बहस चुनावी माहौल को गर्मा रहे हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह प्रक्रिया बीएनपी की चुनावी रणनीति और आगामी संसदीय चुनाव में उनकी भूमिका को सीधे प्रभावित कर सकती है।