तालिबान का पाकिस्तान पर हमला: अफगानिस्तान में बढ़ी हिंसा की लहर
तालिबान का जवाबी हमला
तालिबान अधिकारियों ने मंगलवार को घोषणा की कि वे पाकिस्तान की सीमा पर हुए हालिया हमलों का उचित प्रतिकार करेंगे। तालिबान ने इन हमलों का आरोप पाकिस्तान पर लगाया है। स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, इन घटनाओं में 10 लोगों की जान गई, जिनमें नौ बच्चे और एक महिला शामिल हैं।
हिंसा का कारण
यह हिंसा पेशावर में सोमवार को हुए आत्मघाती बम विस्फोट के बाद उत्पन्न तनाव के बीच हुई, जिसमें तीन अर्धसैनिक बलों के सदस्य मारे गए और 11 अन्य घायल हुए। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने सोशल मीडिया पर कहा कि पाकिस्तानी बलों ने खोस्त प्रांत में एक नागरिक के घर पर हवाई हमले किए, जिसके परिणामस्वरूप बच्चों और एक महिला की मौत हुई। उन्होंने कहा कि इस्लामिक अमीरात इस घटना की कड़ी निंदा करता है और अपने हवाई क्षेत्र और नागरिकों की सुरक्षा का अधिकार रखते हुए उचित समय पर जवाब देने का आश्वासन दिया।
अतिरिक्त हवाई हमले
कुनार और पक्तिका के सीमावर्ती क्षेत्रों में अतिरिक्त हवाई हमलों में चार नागरिक घायल हुए। खोस्त प्रांत के गवर्नर के प्रवक्ता मुस्तगफिर गुरबुज़ ने बताया कि ड्रोन और विमानों से हमले किए गए। स्थानीय लोग जिगे मुगलगई में नष्ट हुए घरों के मलबे से शव निकालते और मृतकों के लिए कब्रें तैयार करते देखे गए।
पाकिस्तान का दृष्टिकोण
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हालिया तनाव पेशावर में आत्मघाती हमले के बाद बढ़ा है। हालांकि किसी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली, पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ जरदारी ने इसे 'विदेश समर्थित फितना अल-खवारिज' का काम बताया, जो तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से जुड़ा है। इस महीने की शुरुआत में इस्लामाबाद में एक और आत्मघाती हमले में 12 लोग मारे गए थे, जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान तालिबान समूह ने ली थी।
सूचना मंत्री का बयान
मंगलवार को पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने प्रेस वार्ता में कहा कि हिरासत में लिए गए संदिग्धों के कबूलनामों से पता चला है कि टीटीपी और अफगान तालिबान ने मिलकर आत्मघाती हमले को अंजाम दिया, जिसमें हमलावर अफगान नागरिक था। उन्होंने अफगानिस्तान को इसमें शामिल बताया, लेकिन सीमा पार हमलों के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की।
दोनों देशों के संबंध
2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के संबंध लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं। अक्टूबर में हुई झड़पों में दोनों पक्षों के लगभग 70 लोग मारे गए थे। कतर और तुर्की की मध्यस्थता से युद्धविराम तो हुआ, लेकिन स्थायी समझौते में असहमति बनी रही, क्योंकि पाकिस्तान टीटीपी के खिलाफ काबुल से कार्रवाई की मांग करता रहा।
आर्थिक स्थिति
इस बीच, पाकिस्तान-अफगानिस्तान संयुक्त वाणिज्य एवं उद्योग मंडल ने चेतावनी दी है कि सीमा पर हजारों शिपिंग कंटेनर रुके हुए हैं, जिससे प्रतिदिन अतिरिक्त 150-200 डॉलर शुल्क लग रहा है और यह वित्तीय बोझ असहनीय हो गया है।
