तालिबान का पाकिस्तान पर हमला: शांति वार्ता के विफल होने के बाद बढ़ा तनाव
तालिबान का कड़ा जवाब
नई दिल्ली: तुर्की में अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच शांति वार्ता के असफल होने के एक दिन बाद, तालिबान ने पाकिस्तान की सेना के कुछ हिस्सों पर तीव्र हमला किया है.
तालिबान का आरोप
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि पाकिस्तान की सेना के कुछ तत्व 'स्थिर और मजबूत अफगानिस्तान' को अपने हितों के खिलाफ मानते हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने लंबे समय से अफगानिस्तान की अस्थिरता का लाभ उठाया है और अब जानबूझकर तनाव बढ़ाने का प्रयास कर रहा है.
पाकिस्तान की सैन्य नीतियों पर सवाल
'अफगानिस्तान की स्थिरता से पाकिस्तान को परेशानी'
मुजाहिद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा, 'दुर्भाग्य से, पाकिस्तान की सेना के कुछ तत्व एक स्थिर और मजबूत अफगानिस्तान को अपने हितों के विपरीत मानते हैं. उन्होंने लंबे समय से हमारे देश की अस्थिरता का लाभ उठाया है.'
TTP पर तालिबान का खंडन
TTP पर आरोपों को तालिबान ने किया खारिज
मुजाहिद ने यह भी कहा कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का उभार तालिबान की वापसी के कारण नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि 'पाकिस्तान की अस्थिरता और TTP की शुरुआत 2002 से है, जब पाकिस्तान की सेना ने अमेरिका के साथ मिलकर वजीरिस्तान में ड्रोन हमले किए.'
पाकिस्तान की आंतरिक समस्याएं
'पाकिस्तान की सैन्य नीतियों ने बिगाड़ा हालात'
तालिबान प्रवक्ता ने याद दिलाया कि पाकिस्तान ने TTP के खिलाफ कई सैन्य अभियान चलाए हैं, जिनमें अल-मिजान, रह-ए-रास्त, शेर दिल, निजात, कोह-ए-सफीद और जर्ब-ए-अज़्ब शामिल हैं. इन अभियानों ने लाखों लोगों को विस्थापित किया और पाकिस्तान के आंकड़ों के अनुसार 80 से 90 हजार सैनिक और नागरिक मारे गए.
तालिबान का रुख
'पाकिस्तान की अस्थिरता उसकी आंतरिक समस्या'
मुजाहिद ने कहा कि पाकिस्तान की अस्थिरता पूरी तरह से उसकी 'आंतरिक समस्या' है और अफगानिस्तान इसमें हस्तक्षेप नहीं करता. उन्होंने बताया कि तालिबान सरकार ने सीमापार आतंक को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें शरणार्थियों को दुरंड रेखा से दूर स्थानांतरित करना और अनधिकृत जिहाद पर फतवा जारी करना शामिल है.
शांति प्रयासों के लिए तालिबान का समर्थन
'शांति प्रयासों के लिए अफगानिस्तान तैयार'
मुजाहिद ने कहा कि 'इस्लामिक अमीरात उन सभी प्रयासों का स्वागत करता है जो शरणार्थियों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करें.' उन्होंने दोहराया कि अफगानिस्तान अपनी भूमि का उपयोग किसी भी देश के आंतरिक मामलों में दखल के लिए नहीं होने देगा.
