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तुर्की की नई हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल तायफुन ब्लॉक-4 का प्रदर्शन

तुर्की ने हाल ही में तायफुन ब्लॉक-4 नाम की नई हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल का प्रदर्शन किया है। यह मिसाइल 800 किमी दूर तक लक्ष्यों को निशाना बना सकती है और इसकी गति ध्वनि की गति से 5 गुना अधिक है। इसके साथ ही, इसमें बूस्ट-ग्लाइड तकनीक भी शामिल है, जो इसे दुश्मन के वायु रक्षा प्रणालियों को चकमा देने में सक्षम बनाती है। जानें इस मिसाइल की अन्य विशेषताएं और तुर्की के रक्षा कार्यक्रम में इसकी भूमिका।
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तुर्की की नई हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल तायफुन ब्लॉक-4 का प्रदर्शन

तुर्की की हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल

तुर्की की तायफुन ब्लॉक-4 मिसाइल: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की सेना को सहायता प्रदान करने में तुर्की सबसे आगे रहा। इस दौरान, तुर्की ने मुनीर की सेना को उन्नत ड्रोन और अन्य हथियार मुहैया कराए, जिन्हें भारत ने हवा में ही नष्ट कर दिया। एर्दोगन पाकिस्तान की मदद कर भारत के साथ अपने संबंधों को और तनावपूर्ण बना रहे हैं। इस बीच, भारत भी तुर्की के प्रतिकूल देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर रहा है, जिसमें ग्रीस शामिल है।


तुर्की पाकिस्तान को सैन्य सहायता भी प्रदान करता है। इसी संदर्भ में, तुर्की की प्रमुख रक्षा कंपनी रोकटसन ने तायफुन ब्लॉक-4 नामक बैलिस्टिक मिसाइल का विकास किया है। इस मिसाइल का प्रदर्शन मंगलवार (22 जुलाई 2025) को किया गया। कंपनी का दावा है कि यह एक नई पीढ़ी की मिसाइल है।


तायफुन ब्लॉक-4 की विशेषताएं


इस नई मिसाइल का वजन लगभग 2,300 किलोग्राम है और इसकी लंबाई 6.5 मीटर है। यह 800 किमी की दूरी पर स्थित लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम है, जिससे यह दुनिया की सबसे उन्नत बैलिस्टिक मिसाइलों में से एक बन जाती है।


तायफुन ब्लॉक-4 की हाइपरसोनिक गति, जो ध्वनि की गति से 5 गुना अधिक है, इसे दुश्मन के वायु रक्षा प्रणालियों को चकमा देने की क्षमता प्रदान करती है। रोकटसन ने बताया कि यह मिसाइल तुर्की के राष्ट्रीय मिसाइल विकास कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।


बूस्ट-ग्लाइड तकनीक से लैस मिसाइल


यह मिसाइल तायफुन श्रृंखला का सबसे उन्नत संस्करण है, जिसमें बहुउद्देश्यीय वारहेड शामिल है। इसका वजन 7 टन से अधिक है और यह एक ही हमले में कई रणनीतिक ठिकानों को निशाना बना सकती है। यह कमांड और कंट्रोल सेंटर, वायु रक्षा प्रणालियों, सैन्य हैंगर और महत्वपूर्ण सैन्य ढांचों को नष्ट करने की क्षमता रखती है।


ब्लॉक-4 संस्करण की सबसे बड़ी विशेषता इसकी बूस्ट-ग्लाइड तकनीक है, जो उच्च नियंत्रण और लक्ष्य पर तेजी से हमला करने की क्षमता प्रदान करती है। तुर्की वही देश है जिसने भारत के खिलाफ संघर्ष में पाकिस्तान की मदद की थी, जिसमें उसने पाकिस्तान को ड्रोन और अन्य हथियार दिए थे।