Newzfatafatlogo

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद में नया मोड़: विष्णु की प्रतिमा का ध्वंस

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद एक बार फिर उग्र हो गया है, जिसमें थाई सेना पर कंबोडिया की सीमा के निकट विष्णु की प्रतिमा को ध्वस्त करने का आरोप है। यह घटना सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर पर हमले के रूप में देखी जा रही है। दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने से दर्जनों लोग मारे गए हैं और लाखों विस्थापित हुए हैं। जानें इस विवाद का इतिहास और वर्तमान स्थिति के बारे में।
 | 
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद में नया मोड़: विष्णु की प्रतिमा का ध्वंस

सीमा विवाद का उग्र रूप


नई दिल्ली: दक्षिण-पूर्व एशिया के दो पड़ोसी देशों, थाईलैंड और कंबोडिया, के बीच सीमा विवाद एक बार फिर गंभीर हो गया है। प्राचीन प्रेह विहार मंदिर और उसके आस-पास के क्षेत्र को लेकर यह संघर्ष 2025 में और भी बढ़ गया है।


दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई गोलीबारी, हवाई हमले और रॉकेट हमलों ने न केवल सैन्य क्षति पहुंचाई है, बल्कि आम नागरिकों की जान को भी खतरे में डाल दिया है। इस संघर्ष का सबसे दुखद पहलू यह है कि क्षेत्रीय महत्वाकांक्षा के चलते सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है।


प्रतिमा का ध्वंस

हालिया रिपोर्टों के अनुसार, थाई सेना पर आरोप है कि उन्होंने कंबोडिया की सीमा के निकट एक विशाल हिंदू देवता विष्णु की प्रतिमा को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। यह प्रतिमा 2014 में स्थापित की गई थी और प्रेह विहार प्रांत के अन सेस क्षेत्र में स्थित थी। कंबोडियाई अधिकारियों का कहना है कि यह मूर्ति उनकी संप्रभु भूमि पर थी और थाईलैंड की सीमा से केवल 100 मीटर दूर थी। हालांकि, कुछ स्रोतों के अनुसार, यह स्थान सीमा रेखा से लगभग 400 मीटर दूर था। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें एक खुदाई मशीन से मूर्ति को गिराते हुए दिखाया गया है।


कंबोडियाई सरकार के प्रवक्ता किम चानपन्हा ने इस घटना की कड़ी निंदा की और इसे प्राचीन मंदिरों और धार्मिक प्रतीकों पर हमला बताया। उनका कहना है कि यह कार्य बौद्ध और हिंदू अनुयायियों की भावनाओं का अपमान है। दोनों देश मुख्य रूप से बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं, लेकिन उनकी सांस्कृतिक जड़ें हिंदू परंपराओं से जुड़ी हुई हैं। थाईलैंड में विष्णु और रामायण से जुड़े प्रतीक व्यापक रूप से पूजे जाते हैं, जबकि कंबोडिया में ख्मेर साम्राज्य की हिंदू विरासत स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है।


थाईलैंड का तर्क

थाई पक्ष का कहना है कि यह मूर्ति अवैध रूप से विवादित क्षेत्र में बनाई गई थी और इसे हटाना क्षेत्रीय दावे को मजबूत करने का एक हिस्सा था, न कि धार्मिक विद्वेष। थाई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने इसे अवैध अतिक्रमण की सफाई बताया। फिर भी, इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ा दी है, खासकर हिंदू समुदायों में, जहां इसे सांस्कृतिक विरासत पर हमले के रूप में देखा जा रहा है।


इतिहास और वर्तमान स्थिति

यह विवाद नया नहीं है। 11वीं शताब्दी में निर्मित प्रेह विहार मंदिर (भगवान शिव को समर्पित) यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। 1962 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने मंदिर को कंबोडिया का हिस्सा घोषित किया, लेकिन आसपास के क्षेत्र पर दावे आज भी बने हुए हैं। 2008 और 2011 में भी इसी मुद्दे पर झड़पें हुई थीं। 2025 में मई से शुरू हुए तनाव ने जुलाई में पूर्ण संघर्ष का रूप ले लिया, जिसमें दर्जनों लोग मारे गए और लाखों विस्थापित हुए। दिसंबर में फिर भड़के संघर्ष में विष्णु मूर्ति का ध्वस्तीकरण एक नया और संवेदनशील मोड़ है।