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थाईलैंड-कंबोडिया संघर्ष में चीनी हथियारों की विश्वसनीयता पर सवाल

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच बढ़ते तनाव के बीच, कंबोडियाई सेना द्वारा उपयोग किए गए चीनी रॉकेट सिस्टम में एक विस्फोट ने आठ सैनिकों की जान ले ली। इस घटना ने चीनी हथियारों की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। जानें इस घटना के पीछे की कहानी और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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थाईलैंड-कंबोडिया संघर्ष में चीनी हथियारों की विश्वसनीयता पर सवाल

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच तनाव


नई दिल्ली: थाईलैंड और कंबोडिया के बीच बढ़ते तनाव के बीच, चीन द्वारा निर्मित हथियारों की गुणवत्ता पर नए सवाल उठ खड़े हुए हैं। हाल ही में, कंबोडियाई सेना ने चीन के बनाए एक रॉकेट सिस्टम का उपयोग किया, जिसके दौरान एक भयंकर विस्फोट हुआ, जिससे लगभग आठ सैनिकों की जान चली गई।


फायरिंग के दौरान हुआ हादसा

सोशल मीडिया पर कंबोडियाई सेना का एक वीडियो तेजी से फैल रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि सैनिक एक मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम (MLRS) से रॉकेट दाग रहे थे। इस दौरान, कई सैनिक रॉकेट लॉन्चर के पास खड़े थे और एक जवान वीडियो बना रहा था।


कुछ रॉकेट दागने के तुरंत बाद, सिस्टम में अचानक विस्फोट हुआ और आग लग गई। इस घटना में मौके पर मौजूद आठ सैनिकों की मृत्यु हो गई। बताया गया है कि यह रॉकेट सिस्टम थाईलैंड के खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा था।


चीनी रॉकेट सिस्टम की गुणवत्ता पर सवाल

कंबोडियाई सेना जिस रॉकेट सिस्टम का उपयोग कर रही है, उसे PHL-81 कहा जाता है, जो चीन में निर्मित है। यह वास्तव में 1980 के दशक में सोवियत संघ द्वारा विकसित BM-21 ग्रैड रॉकेट सिस्टम की नकल है।


दिलचस्प बात यह है कि BM-21 ग्रैड सिस्टम भारतीय सेना के पास भी है और इसे काफी विश्वसनीय माना जाता है। यह सिस्टम कुछ ही सेकंड में कई रॉकेट दागने में सक्षम है, लेकिन चीनी संस्करण की गुणवत्ता पर अब सवाल उठ रहे हैं।


कंबोडिया की चेतावनी

कंबोडिया ने संघर्ष शुरू होने से पहले थाईलैंड के खिलाफ इन रॉकेट सिस्टम के उपयोग की चेतावनी दी थी। लेकिन इस फायरिंग के दौरान हुए हादसे ने कंबोडियाई सेना को गंभीर नुकसान पहुंचाया और चीनी हथियारों की तकनीक पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।


JF-17 और चीनी हथियारों पर विवाद

इस बीच, पाकिस्तान द्वारा चीन के सहयोग से निर्मित JF-17 थंडर फाइटर जेट को लेकर भी विवाद उठ खड़ा हुआ है। पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने हाल ही में लीबिया को ये लड़ाकू विमान बेचते समय दावा किया कि इसने भारत के उन्नत लड़ाकू विमानों को मार गिराया था। हालांकि, पाकिस्तान अब तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाया है।


चीनी डिफेंस सिस्टम की विफलता

पिछले सैन्य अभियानों के दौरान पाकिस्तान द्वारा उपयोग किए गए चीनी एयर डिफेंस सिस्टम भी सवालों के घेरे में आए थे। रिपोर्टों के अनुसार, ये सिस्टम भारतीय मिसाइलों और हवाई हमलों को न तो समय पर पहचान पाए और न ही उन्हें रोक सके।