दिल्ली में दिवाली के बाद प्रदूषण का संकट: एक्यूआई 400 के पार

दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर स्थिति
दिल्ली में वायु प्रदूषण: देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार को दिवाली के अवसर पर आतिशबाजी का आयोजन बड़े पैमाने पर हुआ। इसके परिणामस्वरूप, दिल्लीवासियों को प्रदूषण का सामना करना पड़ा, और कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के स्तर को पार कर गया। यहां के 38 में से 36 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों ने 'रेड जोन' में प्रदूषण की स्थिति दर्ज की। इसके अलावा, दिल्ली के आसपास के क्षेत्रों जैसे नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में भी वायु की गुणवत्ता बेहद खराब हो गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखों को रात 8 से 10 बजे तक जलाने की अनुमति दी थी, लेकिन दिल्लीवासियों ने इस समय सीमा का पालन नहीं किया। देर रात तक आतिशबाजी जारी रही, जिससे शहर की वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' से 'गंभीर' स्तर तक पहुंच गई। कई क्षेत्रों में धुंध का असर भी देखने को मिला। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की SAMEER ऐप के अनुसार, दिल्ली के 38 में से 36 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों ने 'रेड जोन' में प्रदूषण की स्थिति दर्शाई।
दिवाली के अगले दिन, मंगलवार सुबह 6 बजे दिल्ली का औसत AQI 347 था, जो कि बेहद खराब श्रेणी में आता है। कुछ स्थानों पर AQI 400 के पार चला गया। सुबह 6 बजे तक बवाना में AQI 418, वजीरपुर में AQI 408, जहांगीरपुरी में AQI 404, आईटीओ में AQI 345, आया नगर में AQI 349, चांदनी चौक में AQI 347, आनंद विहार में AQI 352, नोएडा में AQI 324, ग्रेटर नोएडा में AQI 288, गाजियाबाद में AQI 326 और गुरुग्राम में AQI 338 दर्ज किया गया।
वहीं, बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर, CAQM ने रविवार को दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप के दूसरे चरण को लागू किया था। GRAP के तहत प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन आतिशबाजी ने इन प्रयासों को प्रभावित किया है। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों की बिक्री और उपयोग की अनुमति दी थी। पटाखे सुबह 6 से 7 बजे और रात 8 से 10 बजे तक जलाने की अनुमति थी, लेकिन देर रात तक आतिशबाजी जारी रही, जिसने हवा को और अधिक जहरीला बना दिया।