दुबई में रक्षा प्रदर्शनी में ब्रह्मोस पर पाकिस्तानी अधिकारी का मजेदार सवाल
दिलचस्प वाकया दुबई में
दुबई में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय रक्षा प्रदर्शनी में एक मजेदार घटना घटी, जिसने न केवल उपस्थित लोगों को हंसाया, बल्कि भारत की सैन्य नीति की गंभीरता को भी उजागर किया। सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वैज्ञानिक डॉ. एपीजे सिवथानु पिल्लई ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में इस घटना का जिक्र किया, जिसने इंटरनेट पर भी काफी ध्यान आकर्षित किया।डॉ. पिल्लई ने बताया कि प्रदर्शनी के दौरान एक पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी उनसे मिले और गंभीरता से पूछा, "क्या भारत हमें ब्रह्मोस मिसाइल बेच सकता है?" इस अप्रत्याशित सवाल पर डॉ. पिल्लई ने हंसते हुए उत्तर दिया, "पाकिस्तान के लिए तो ये मुफ्त में भी दे देंगे!" इस चुटीले जवाब ने वहां मौजूद सभी को हंसने पर मजबूर कर दिया।
हालांकि यह उत्तर मजाकिया था, लेकिन इसके पीछे भारत की स्पष्ट रक्षा नीति का संकेत मिलता है। अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वी को ऐसा कोई हथियार देना, जिससे उसकी सामरिक शक्ति बढ़े, असंभव है। ब्रह्मोस जैसी घातक मिसाइल भारत की सुरक्षा रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
ब्रह्मोस ने भारतीय जनता के बीच एक अलग भरोसा स्थापित किया है। विशेषकर जब इसे 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत आतंकवादी ठिकानों पर प्रयोग किया गया, तब लोगों ने इसे केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि अपने देश की सुरक्षा का प्रतीक मान लिया।
डॉ. पिल्लई की बात भले ही हल्के अंदाज में कही गई हो, लेकिन यह स्पष्ट करता है कि भारत न केवल सैन्य रूप से सक्षम है, बल्कि अपनी क्षमताओं को लेकर आत्मविश्वास से भरा है। यदि पाकिस्तान या अन्य देशों को लगता है कि उन्हें भारत से ऐसी मिसाइल मिल सकती है, तो उन्हें यह समझना चाहिए कि ऐसा कोई सौदा संभव नहीं है।
ब्रह्मोस को साधारण मिसाइल समझना एक बड़ी गलती होगी। यह दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक है, जिसे भारत के DRDO और रूस के सहयोग से विकसित किया गया है। यह लगभग 3000 किमी प्रति घंटे की गति से उड़ान भरती है और इसकी लॉन्चिंग जमीन, समुद्र, वायु और पनडुब्बी से की जा सकती है।
इसकी मारक क्षमता में समय के साथ काफी वृद्धि हुई है। पहले इसकी रेंज 290 किमी तक सीमित थी, लेकिन अब इसके नवीनतम संस्करण 800 किमी से अधिक दूर तक लक्ष्य भेद सकते हैं। आने वाले वर्षों में इसकी पहुंच 1500 किमी तक बढ़ने की संभावना है।
तकनीकी दृष्टि से, ब्रह्मोस, पाकिस्तान की बाबर या रा'अद मिसाइलों से कहीं अधिक तेज, सटीक और प्रभावशाली है। यही कारण है कि न केवल सैन्य विशेषज्ञ, बल्कि आम नागरिक भी ब्रह्मोस को भारत की रणनीतिक ताकत का प्रतीक मानते हैं।