नाइजीरिया में स्कूल पर हमले में छात्राओं का अपहरण, सुरक्षा संकट गहरा
नाइजीरिया में स्कूल पर हमला
नई दिल्ली: सोमवार की सुबह, उत्तर-पश्चिमी नाइजीरिया में एक सरकारी गर्ल्स बोर्डिंग स्कूल पर सशस्त्र हमलावरों ने हमला किया। इस घटना में एक स्कूल अधिकारी की जान चली गई, जबकि एक अन्य कर्मचारी घायल हो गया। हमलावरों ने कई छात्राओं का अपहरण कर लिया, जिससे क्षेत्र में भय का माहौल बन गया है।
यह घटना स्थानीय समयानुसार सुबह लगभग 4 बजे मागा शहर के गवर्नमेंट गर्ल्स कॉम्प्रिहेंसिव सेकेंडरी स्कूल में हुई। पुलिस प्रवक्ता नफीउ अबुबकर कोटारकोशी ने जानकारी दी कि हमलावर राइफलों से लैस थे और स्कूल परिसर में घुसते ही सुरक्षाकर्मियों पर गोलीबारी शुरू कर दी।
घटनाक्रम का विवरण
पुलिस के अनुसार, हमलावर बाड़ को पार कर हॉस्टल की ओर बढ़े और छात्राओं को जबरन अपने साथ ले गए। प्रवक्ता ने बताया कि पहले सुरक्षा गार्ड पर हमला किया गया और फिर लड़कियों को उठाकर जंगल की ओर भाग निकले। यह हमला सुनियोजित प्रतीत होता है।
उप-प्रधानाचार्य की हत्या
हमले में स्कूल के उप-प्रधानाचार्य हसन याकूब मकुकु की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जब उन्होंने हमलावरों का सामना करने की कोशिश की। एक अन्य कर्मचारी गंभीर रूप से घायल है और उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस, सेना और स्थानीय सुरक्षा समूहों ने आसपास के जंगलों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। कोटारकोशी ने कहा कि हम लड़कियों की सुरक्षित वापसी के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। सभी संभावित मार्गों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
हमलों की बढ़ती संख्या
पिछले कुछ वर्षों में नाइजीरिया के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में ऐसे हमलों की संख्या में वृद्धि हुई है। सशस्त्र गिरोह अक्सर फिरौती के लिए स्कूलों को निशाना बनाते हैं। 2024 में ही 100 से अधिक बच्चों का अपहरण किया जा चुका है, जिनमें कई 12 वर्ष से कम उम्र के थे।
2014 की चिबोक घटना की याद
यह घटना 2014 में चिबोक में हुए अपहरण की याद दिलाती है, जब बोको हराम आतंकियों ने 200 से अधिक लड़कियों का अपहरण किया था। उस घटना के बाद #BringBackOurGirls अभियान ने वैश्विक स्तर पर ध्यान आकर्षित किया था।
मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि नाइजीरिया सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा सुनिश्चित करने में लगातार विफल रही है। कई रिपोर्टों में सुरक्षा बलों की कमी, स्थानीय गिरोहों के बढ़ते प्रभाव और राजनीतिक अस्थिरता के कारण स्थिति के बिगड़ने की बात कही गई है।
सुरक्षा संकट की गंभीरता
ताजा हमला एक बार फिर यह दर्शाता है कि अफ्रीका के सबसे अधिक जनसंख्या वाले देश में सुरक्षा संकट कितना गंभीर हो चुका है। सरकार के दावों के बावजूद कई क्षेत्रों में आपराधिक गिरोह बिना रोक-टोक काम कर रहे हैं और आम नागरिक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
