नामीब रेगिस्तान में 16वीं सदी का पुर्तगाली जहाज: खजाने और रहस्यों की खोज
अफ्रीका में अद्भुत खोज
नई दिल्ली : अफ्रीका के नामिब रेगिस्तान में पुरातत्वविदों और इतिहासकारों के लिए एक अद्भुत खोज सामने आई है। रेत के नीचे दबा यह पुर्तगाली जहाज 16वीं सदी का है, जो कभी अटलांटिक महासागर में व्यापारिक यात्रा पर निकला था। यह क्षेत्र आज समुद्र से कई किलोमीटर दूर है, लेकिन ऐतिहासिक साक्ष्य बताते हैं कि यहां कभी समुद्री लहरें टकराती थीं।
2008 में जहाज की खोज
2008 में हुई थी जहाज की खोज
इस जहाज की खोज 2008 में हुई, जब नामीबिया में हीरा खनन के दौरान समुद्री पानी हटाया गया। लगभग 200 मीटर के क्षेत्र में खुदाई करते समय रेत के नीचे एक विशाल लकड़ी का ढांचा दिखाई दिया। शोधकर्ताओं ने इसे 'ओरांजेमुंड शिपव्रेक (Oranjemund wreck)' का नाम दिया। अनुसंधान और पुरातात्विक अध्ययन के बाद पुष्टि हुई कि यह जहाज Bom Jesus है, जो 1500 के दशक में डूब गया था.
जहाज के भीतर का खजाना
जहाज के भीतर का खजाना
इस जहाज के भीतर से लगभग 2,000 सोने के सिक्के, सैकड़ों किलो तांबे की सिल्लियां, चांदी के सिक्के और हाथी दांत मिले हैं। ये सभी वस्तुएं यूरोप के रिनेसां कालीन व्यापार को दर्शाती हैं। आश्चर्य की बात यह है कि सैकड़ों साल बाद भी ये चीजें बेहतरीन स्थिति में हैं।
तूफान ने बनाया जहाज की कब्र
तूफान ने बनाया जहाज की कब्र
इतिहासकारों के अनुसार, Bom Jesus भारत की ओर व्यापारिक यात्रा पर था। मार्च 1533 में नामीबिया के तट के पास एक भीषण तूफान ने जहाज को चट्टानों से टकरा दिया, जिससे यह डूब गया। हालांकि, जहाज का लकड़ी का ढांचा काफी हद तक सुरक्षित रहा, जो आज भी इतिहास की गवाह है।
चालक दल का रहस्य
चालक दल का रहस्य
इस जहाज पर लगभग 200 लोग सवार थे, लेकिन अब तक किसी भी इंसानी अवशेष का पता नहीं चला है। यह सवाल आज भी अनुत्तरित है कि क्या सभी डूब गए या कुछ लोग तट तक पहुँचने में सफल रहे। Bom Jesus केवल एक जहाज नहीं बल्कि समुद्री इतिहास, व्यापार और रहस्यों का अद्भुत दस्तावेज है।
इतिहास की छिपी हुई कहानियां
इतिहास की छिपी हुई कहानियां
यह खोज हमें याद दिलाती है कि धरती के सबसे सूखे और अप्रत्याशित कोनों में भी इतिहास छिपा हो सकता है। पुरातात्विक शोध और संरक्षण के माध्यम से हम समुद्री इतिहास और पुराने व्यापारिक नेटवर्क के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर सकते हैं।
