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नेपाल के Gen-Z युवाओं का नया राजनीतिक मोड़: 2026 चुनाव के लिए नई पार्टी की घोषणा

नेपाल के Gen-Z युवाओं ने एक नई राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा की है, जो 2026 के चुनाव में भाग लेने की योजना बना रही है। उनका कहना है कि वे तभी चुनाव में उतरेंगे जब सरकार उनकी कुछ शर्तें मान लेगी। इस नई पार्टी के गठन से नेपाल की राजनीति में एक नया मोड़ आ सकता है। जानें इस युवा आंदोलन के पीछे की कहानी और उनकी मांगें।
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नेपाल के Gen-Z युवाओं का नया राजनीतिक मोड़: 2026 चुनाव के लिए नई पार्टी की घोषणा

Gen-Z का नया राजनीतिक कदम


Nepal Gen Z: नेपाल की राजनीतिक स्थिति एक बार फिर से बदलने जा रही है। Gen-Z के युवा नेताओं ने एक नई राजनीतिक पार्टी बनाने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि वे 2026 के चुनाव में तभी भाग लेंगे जब सरकार उनकी कुछ शर्तों को मान लेगी।


युवाओं का कहना है कि वे तभी चुनाव में भाग लेंगे जब सरकार सीधे चुने जाने वाले कार्यकारी तंत्र की स्थापना करे और प्रवासी नेपाली नागरिकों को मतदान का अधिकार दे। इसके साथ ही, उन्होंने नेपाल में एक नई राजनीतिक पार्टी की स्थापना का ऐलान किया है।


नई राजनीतिक पार्टी का गठन

हाल ही में नेपाल में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। Gen-Z युवाओं ने केपी शर्मा ओली की सरकार को पूरी तरह से उखाड़ फेंका था। वर्तमान में, अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की सत्ता में हैं, लेकिन अब Gen-Z समूह ने अपनी नई राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा की है। इस कदम ने अन्य राजनीतिक दलों के लिए नई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं। युवाओं ने स्पष्ट किया है कि वे 2026 के चुनाव में तभी भाग लेंगे जब सरकार उनकी आवश्यक शर्तें पूरी करेगी।


युवाओं की शर्तें

नेपाल में 5 मार्च 2026 को चुनाव होने वाले हैं। Gen-Z समूह ने पिछले महीने भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन में उन्होंने ओली सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया था। Gen-Z उन युवाओं को कहा जाता है जो 1997 से 2012 के बीच जन्मे हैं। मिराज धुंगाना ने कहा कि उनकी पार्टी तभी चुनाव में उतरेगी जब सरकार सीधे चुने जाने वाले कार्यकारी तंत्र को लागू करे और प्रवासी नेपाली नागरिकों को मतदान का अधिकार दे।


भारत का संदर्भ

धुंगाना ने भ्रष्टाचार की जांच के लिए एक जन-नेतृत्व वाली समिति बनाने और आर्थिक सुधार की नई रणनीति की मांग की है। उनका कहना है कि नेपाल की अर्थव्यवस्था ठहर गई है क्योंकि बड़ी संख्या में युवा विदेश में रह रहे हैं। उन्होंने पिछली सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। धुंगाना ने नेपाल की उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया और कहा कि नेपाल भारत और चीन जैसे बड़े देशों के बीच स्थित है, इसलिए हमें अपने उत्पादन को इन बाजारों के अनुसार बढ़ाना होगा।