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नेपाल में प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने हिंसा के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने का किया वादा

नेपाल की प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने हाल ही में हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हिंसा में शामिल लोगों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने 'जेन जेड' प्रदर्शनकारियों को शहीद घोषित करने और उनके परिजनों को अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। इसके साथ ही, नए मंत्रियों की नियुक्ति भी की गई है। जानें इस राजनीतिक उथल-पुथल के बारे में और क्या कदम उठाए जाएंगे।
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नेपाल में प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने हिंसा के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने का किया वादा

प्रधानमंत्री कार्की का न्याय का आश्वासन

नेपाल की प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने रविवार को घोषणा की कि हाल ही में हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हिंसा और विनाश में शामिल व्यक्तियों को न्याय के दायरे में लाया जाएगा।


कार्की (73) ने यह भी बताया कि 'जेन जेड' आंदोलन के दौरान जान गंवाने वालों को 'शहीद' का दर्जा दिया जाएगा और उनके परिवारों को दस लाख नेपाली रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी।


पदभार ग्रहण और नई मंत्रियों की नियुक्ति

उन्होंने काठमांडू के सिंह दरबार सचिवालय में नवनिर्मित गृह मंत्रालय भवन में सुबह करीब 11 बजे पदभार ग्रहण किया।


नेपाल की पूर्व प्रधान न्यायाधीश कार्की को राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने 'जेन जेड' समूह की सिफारिश पर कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया था, जिसने हाल ही में के पी शर्मा ओली सरकार को उखाड़ फेंका।


नए मंत्रियों की शपथ

राष्ट्रपति कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री की सिफारिश पर राष्ट्रपति पौडेल ने कुलमन घीसिंग, रामेश्वर खनल और ओम प्रकाश आर्यल को मंत्री नियुक्त किया है।


घीसिंग को ऊर्जा, शहरी विकास और सड़क एवं परिवहन मंत्रालय, खनाल को वित्त मंत्रालय और आर्यल को गृह मंत्रालय सौंपा गया है। इन तीनों मंत्रियों का शपथग्रहण सोमवार को राष्ट्रपति कार्यालय में होगा।


हिंसक प्रदर्शनों के बाद सरकार की प्रतिक्रिया

मंगलवार को हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद, जिसमें प्रधानमंत्री कार्यालय में आग लगा दी गई थी, सरकार ने प्रधानमंत्री कार्यालय को सिंह दरबार परिसर में नवनिर्मित गृह मंत्रालय भवन में स्थानांतरित कर दिया।


पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद, कार्की ने सचिवों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की बैठक में कहा कि हिंसा और संपत्ति के विनाश में शामिल लोगों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा।


आंदोलन की पृष्ठभूमि

कार्की ने कहा कि नौ सितंबर के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई आगजनी और तोड़फोड़ 'सुनियोजित' थी और 'जेन-जेड' प्रदर्शनकारी ऐसी गतिविधियों में शामिल नहीं थे।


उन्होंने कहा, 'जिस तरह की आगजनी और तोड़फोड़ हुई है, वह एक आपराधिक कृत्य है। इसे सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया। इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों को सज़ा मिलनी चाहिए।'


पुलिस चौकियों की मरम्मत का निर्देश

मुख्य सचिव एकनारायण अर्याल को उन्होंने देशभर में नष्ट हुई पुलिस चौकियों की मरम्मत का प्रबंध करने का निर्देश दिया।


सोशल मीडिया पर सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ शुरू हुआ यह आंदोलन जल्द ही एक बड़े अभियान में बदल गया, जिसमें भ्रष्टाचार के प्रति जनता का गुस्सा और राजनीतिक वर्ग की उदासीनता की झलक दिखी।


ओली का इस्तीफा

के पी शर्मा ओली ने मंगलवार को तब इस्तीफा दिया जब सैकड़ों आंदोलनकारी उनके कार्यालय में घुस आए और सोमवार के प्रदर्शन के दौरान पुलिस कार्रवाई में कम से कम 19 लोगों की मौत के लिए उनके त्यागपत्र की मांग करने लगे।


मुख्य सचिव आर्यल ने बताया कि आंदोलन के दौरान मरने वालों की संख्या 72 हो गई है, जिनमें तीन पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।