नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन से मची तबाही: 51 लोगों की मौत, राहत कार्य जारी

नेपाल में बाढ़ का कहर
Nepal Flood 2025 : पूर्वी नेपाल के विभिन्न जिलों में शनिवार रात (4 अक्टूबर, 2025) से हो रही भारी बारिश ने व्यापक तबाही मचाई है। लगातार हो रही मूसलधार बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं हुई हैं। रविवार सुबह तक कम से कम 51 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। कोशी प्रांत के इलम जिले में सबसे अधिक नुकसान हुआ है, जहां अकेले 37 लोगों की जान गई है।
इलम जिले में जानमाल का नुकसान
इलम जिले में सबसे अधिक जानमाल का नुकसान
सशस्त्र पुलिस बल (APF) के प्रवक्ता कालिदास धौवजी ने जानकारी दी कि इलम जिले के देउमाई और माईजोगमाई नगरपालिकाओं में आठ-आठ, इलम नगरपालिका और संदकपुर ग्रामीण नगरपालिका में छह-छह लोगों की मौत हुई। मंगसेबुंग में तीन और फाकफोकथुम गांव में एक व्यक्ति की भी जान गई। अन्य जिलों में, उदयपुर में दो और पंचथार में एक व्यक्ति की मौत हुई है।
अन्य जिलों में भी जानमाल का नुकसान
रौतहट और खोतांग में मौतें
बिजली गिरने की घटनाएं भी जानलेवा साबित हुईं। रौतहट जिले में तीन और खोतांग में दो लोगों की मौत बिजली गिरने से हुई। इसके अलावा, पंचथार जिले में सड़क क्षतिग्रस्त होने के कारण एक वाहन दुर्घटना में छह लोगों की जान गई। इस प्रकार, पूर्वी नेपाल में विभिन्न कारणों से कई जानें गईं।
लापता लोगों की खोज जारी
लापता लोगों की खोज
भारी बारिश और उफनती नदियों के कारण कई लोग लापता हैं। रसुवा जिले के लांगटांग संरक्षण क्षेत्र में ट्रैकिंग पर गए 16 में से चार लोग नदी में बह गए हैं और अब भी लापता हैं। इलम, बारा और काठमांडू में बाढ़ के कारण एक-एक व्यक्ति लापता है। नेपाल सेना, पुलिस और APF के जवान बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। विमान के माध्यम से इलम से चार लोगों को सुरक्षित निकाला गया, जिनमें एक गर्भवती महिला भी शामिल है।
मानसून की सक्रियता और सरकार की चेतावनी
मानसून सक्रिय, हाई अलर्ट जारी
नेपाल के सात में से पांच प्रांत—कोशी, मधेश, बागमती, गण्डकी और लुम्बिनी इस समय मानसून की सक्रियता से प्रभावित हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में भारी बारिश और भूस्खलन की संभावना जताई है। इसी के चलते नेपाल सरकार ने बागमती और पूर्वी राप्ती नदी क्षेत्र में रेड अलर्ट जारी किया है।
भारत की प्रतिक्रिया
जनहानि पर PM की प्रतिक्रिया
नेपाल में आई इस प्राकृतिक आपदा पर भारत ने भी प्रतिक्रिया दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर नेपाल को हरसंभव मदद की पेशकश की। उन्होंने कहा कि "नेपाल में भारी बारिश से हुई जनहानि और क्षति अत्यंत दुखद है। इस कठिन समय में भारत नेपाल की जनता और सरकार के साथ खड़ा है।"
काठमांडू में राहत कार्य
काठमांडू में राहत, पर सतर्कता बरतने की आवश्यकता
रविवार को काठमांडू घाटी में बारिश में थोड़ी कमी आई, जिसके बाद सरकार ने कुछ आवश्यक वाहनों को राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा की अनुमति दी है। हालांकि, खराब सड़कों और भूस्खलन की आशंका को देखते हुए रात में वाहनों की आवाजाही अब भी प्रतिबंधित है।
उड़ानों पर असर
घरेलू उड़ानें स्थगित
त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (TIA) से शनिवार को मौसम खराब होने के कारण सभी घरेलू उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। काठमांडू, भरतपुर, जनकपुर, भद्रपुर, पोखरा और तुमलिंगतार से उड़ानों पर अगली सूचना तक रोक लगा दी गई है। हवाई अड्डे के महाप्रबंधक हंसा राज पाण्डे ने बताया कि सुरक्षा को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।