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नेपाल में राजनीतिक संकट के बीच सुशीला कार्की ने अंतरिम प्रधानमंत्री का पद संभाला

नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता के चलते सुशीला कार्की ने अंतरिम प्रधानमंत्री का पद संभाला है। उन्होंने अपने पहले संबोधन में युवाओं और प्रदर्शनकारियों को स्पष्ट संदेश दिया कि हाल की हिंसा की जांच की जाएगी। कार्की ने कहा कि उनकी सरकार का मुख्य उद्देश्य संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करना है। जानें इस संकट की पूरी कहानी और कार्की के कार्यकाल की चुनौतियाँ।
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नेपाल में राजनीतिक संकट के बीच सुशीला कार्की ने अंतरिम प्रधानमंत्री का पद संभाला

नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता के बीच सुशीला कार्की का नया कार्यकाल

काठमांडू: नेपाल में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल और हिंसक प्रदर्शनों के बीच, सुशीला कार्की, जो देश की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं, ने रविवार को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। अपने पहले संबोधन में, उन्होंने युवाओं और प्रदर्शनकारियों को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि हाल की हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाओं की जांच की जाएगी।


प्रधानमंत्री कार्की ने अपने संबोधन में कहा, “तोड़फोड़ में शामिल व्यक्तियों की पहचान की जाएगी। हम सत्ता का लाभ उठाने नहीं आए हैं। हमारी सरकार छह महीने से अधिक समय तक नहीं चलेगी, और नई संसद के गठन के बाद हम जिम्मेदारी सौंप देंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि उनकी सरकार का मुख्य उद्देश्य संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करना है, जिसके लिए उन्हें जनता का सहयोग चाहिए।


नेपाल में यह संकट तब उत्पन्न हुआ जब आंतरिक मतभेदों और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के कारण सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार गिर गई, जिसके बाद संसद को भंग कर दिया गया। इस निर्णय के खिलाफ विपक्षी दलों और युवाओं ने सड़कों पर उतरकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए, जो कई स्थानों पर हिंसक हो गए और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया।


इन अनियंत्रित हालातों को संभालने और अगले आम चुनाव तक देश की व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए, सुप्रीम कोर्ट और अन्य संवैधानिक निकायों की सिफारिश पर सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है।