नोएडा एयरपोर्ट के आस-पास प्रॉपर्टी की कीमतों में वृद्धि का नया नियम

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जुड़ा नया अपडेट
Yeida Scheme: नोएडा इंटरनेशनल जेवर एयरपोर्ट के आसपास की भूमि की कीमतें अब और अधिक बढ़ने की संभावना है। यह बदलाव नए नियमों के कारण हो रहा है। यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) ने एयरपोर्ट क्षेत्र की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए कुछ नए नियम लागू किए हैं। आइए जानते हैं ये नियम क्या हैं और क्यों लागू किए गए हैं।
नए नियमों का विवरण
एयरपोर्ट अथॉरिटी का मानना है कि नए नियमों से एयरक्राफ्ट की सुरक्षा और क्षेत्र में अनियोजित निर्माण पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। YEIDA के सीईओ के अनुसार, AAI ने एक विशेष रंग कोड वाला जोनिंग मैप तैयार किया है, जिससे यह स्पष्ट होगा कि एयरपोर्ट के आसपास की इमारतें कितनी ऊँची हो सकती हैं। यदि किसी निर्माण को मंजूरी नहीं मिलती है, तो उसे अस्वीकृत किया जा सकता है।
नए नियमों के प्रभाव
इन नए नियमों के लागू होने से कई सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं:
- एयरपोर्ट के रनवे और विमानों की सुरक्षा में सुधार होगा।
- एयरपोर्ट के आसपास अनावश्यक निर्माण पर रोक लगेगी।
- निर्माण की मंजूरी प्रक्रिया सख्त होने से कम इमारतें बनेंगी।
- भूमि की कीमतों में वृद्धि होगी।
- जेवर और उसके आसपास की संपत्तियों की कीमतें और बढ़ेंगी।
- एयरपोर्ट के संचालन के बाद रोजगार के अवसर, कंपनियों की एंट्री और बुनियादी ढांचे में वृद्धि से यह क्षेत्र एक बड़ा व्यापार केंद्र बन सकता है।
भूमि की कीमतों में वृद्धि का कारण
नए नियमों का सबसे बड़ा लाभ जेवर के भूमि, मकान और दुकान मालिकों को होगा। यहां की संपत्तियों की कीमतें पहले से ही ऊंची हैं और अब और बढ़ने की संभावना है। जब किसी क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनता है, तो वहां आर्थिक गतिविधियां तेज हो जाती हैं और भूमि की मांग बढ़ जाती है। इसी कारण बड़ी रियल एस्टेट कंपनियां इस क्षेत्र में आवासीय और वाणिज्यिक परियोजनाओं का तेजी से विकास कर रही हैं। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के इस वर्ष शुरू होने की उम्मीद है, जिससे यमुना एक्सप्रेसवे और आसपास की सड़कों पर यातायात बढ़ेगा। इसके साथ ही, आईटी कंपनियों, बड़ी फर्मों और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र की रुचि भी इस क्षेत्र में तेजी से बढ़ेगी।