नोएडा-लखनऊ एक्सप्रेसवे: यात्रा को बनाएगा तेज और सुविधाजनक

नोएडा-लखनऊ ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे
नोएडा-लखनऊ ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार नोएडा से लखनऊ के बीच एक नया एक्सप्रेसवे बनाने की योजना पर काम कर रही है, जिसमें 45000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। यह परियोजना 2026 तक पूरी होने की उम्मीद है। वर्तमान में, नोएडा से लखनऊ तक यात्रा करने में 8 से 9 घंटे लगते हैं, लेकिन इस नए एक्सप्रेसवे के बनने के बाद यह समय घटकर केवल 3 से 4 घंटे रह जाएगा। इस एक्सप्रेसवे में कई आधुनिक सुविधाएं होंगी, जिससे यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की रुकावट या सिग्नल का सामना नहीं करना पड़ेगा। आइए, इस एक्सप्रेसवे परियोजना के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नोएडा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की स्मार्ट सुविधाएं
इस एक्सप्रेसवे से यात्रा करने वाले लोगों को कई लाभ मिलेंगे। इसके अलावा, यह व्यापार, पर्यटन और विभिन्न आकार के व्यवसायों के लिए भी फायदेमंद होगा। माल भेजने की लागत में कमी आएगी और समय की भी बचत होगी। यह एक्सप्रेसवे पूरी तरह से एक्सेस कंट्रोल्ड होगा, जिसका अर्थ है कि यहां किसी भी प्रकार के ट्रैफिक सिग्नल या रुकावट का सामना नहीं करना पड़ेगा। स्मार्ट टोलिंग सिस्टम की स्थापना की जाएगी, जिससे टोल बूथ पर रुकने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इसके साथ ही, ओवर ब्रिज, सर्विस लेन, अंडरपास और ट्रैफिक प्रबंधन जैसी सुविधाएं भी शामिल होंगी, जो यात्रा को और अधिक सुगम बनाएंगी।
कहाँ-कहाँ तक पहुंचेगा यह एक्सप्रेसवे
इस नए एक्सप्रेसवे का लाभ नोएडा, ग्रेटर नोएडा, दिल्ली और एनसीआर के शहरों, कानपुर, लखनऊ और अन्य जिलों के यात्रियों को मिलेगा। यूपी के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों तक पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को भी इसका लाभ होगा। भविष्य में, यह एक्सप्रेसवे दिल्ली-मुंबई और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से भी जुड़ सकता है, जिससे कई राज्यों को लाभ होगा। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया 2026 तक इस परियोजना को पूरा करने के लिए तेजी से कार्य कर रही है।
एक्सप्रेसवे की आधुनिक विशेषताएँ
- सौर ऊर्जा से चलने वाली लाइटें
- सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे
- इमरजेंसी कॉल बॉक्स और एंबुलेंस सेवाएं
- हर 100 किलोमीटर पर पेट्रोल पंप और विश्राम क्षेत्र
- 30 से 35 किलोमीटर पर ट्रैफिक कंट्रोल यूनिट