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पंजाब सरकार ने बाढ़ प्रभावित किसानों को खेतों से रेत खनन की अनुमति दी

पंजाब में आई भीषण बाढ़ के बाद, किसानों को उनके खेतों से रेत निकालने की अनुमति दी जाएगी। आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने इस निर्णय की जानकारी दी और केंद्र सरकार से 60,000 करोड़ रुपये की बकाया राशि जारी करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगली फसल की बुवाई के लिए खेतों में जमा रेत किसानों के लिए चिंता का विषय है। इस संबंध में एक औपचारिक घोषणा जल्द ही की जाएगी।
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पंजाब सरकार ने बाढ़ प्रभावित किसानों को खेतों से रेत खनन की अनुमति दी

पीएम का बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा


नई दिल्ली: पंजाब में आई भयंकर बाढ़ के बाद, किसानों को उनके खेतों में जमा रेत निकालने की अनुमति दी जाएगी। आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अगली फसल की बुवाई के लिए खेतों में जमा गाद किसानों के लिए एक बड़ी चिंता बन गई है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 9 सितंबर को पंजाब के दौरे से पहले, सिसोदिया ने केंद्र सरकार से 60,000 करोड़ रुपये की बकाया राशि जारी करने की मांग की है।


किसानों की चिंताएं

सिसोदिया ने कहा कि बाढ़ के कारण फसलों को हुए नुकसान से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। अगली रबी फसल की बुवाई को लेकर उनकी चिंता बढ़ गई है, क्योंकि नदी के पानी के साथ आई रेत खेतों में जमा हो गई है। यदि यह रेत खेतों में बनी रही, तो अगली फसल उगाना कठिन हो जाएगा।


मान सरकार की नीति

उन्होंने कहा कि हम बाढ़ प्रभावित किसानों की समस्याओं को सुन रहे हैं, लेकिन खनन नीति के तहत खनन की अनुमति नहीं है। सिसोदिया ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से बात की है और उन्हें भी यही प्रतिक्रिया मिली है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर निर्णय लेने की आवश्यकता है।


औपचारिक घोषणा की तैयारी

सिसोदिया ने आश्वासन दिया कि किसानों की प्रतिक्रिया राज्य सरकार तक पहुंच गई है, जिसने लगभग तय कर लिया है कि किसानों को अपने खेतों से रेत खनन की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक-दो दिन में औपचारिक घोषणा की जाएगी।


केंद्र से सहायता की मांग

सिसोदिया ने कहा कि प्रधानमंत्री का आना अच्छी बात है। पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री से फोन पर बात की है, लेकिन केंद्र सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। पंजाब के लोगों को मदद की आवश्यकता है और उन्होंने 60,000 करोड़ रुपये जारी करने की मांग की।