पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में छात्रों का उग्र प्रदर्शन, सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज़ उठी
छात्रों का आक्रोश बढ़ा
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में छात्रों का विरोध तेजी से बढ़ रहा है। मुज़फ़्फ़राबाद और उसके आस-पास के क्षेत्रों में हजारों छात्र शिक्षा में सुधार और ई-मार्किंग प्रणाली के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। यह प्रदर्शन पहले फीस वृद्धि और परीक्षा परिणामों में गड़बड़ी के खिलाफ शुरू हुआ था, लेकिन अब यह शहबाज़ शरीफ़ सरकार और सेना की नीतियों के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन बन गया है। सोशल मीडिया पर इन प्रदर्शनों की तस्वीरें तेजी से फैल रही हैं, जिससे पाकिस्तान सरकार की स्थिति और भी कमजोर हो रही है।
प्रदर्शन में हिंसा का दौर
प्रारंभ में शांतिपूर्ण रहे ये प्रदर्शन उस समय हिंसक हो गए जब मुज़फ़्फ़राबाद में एक अज्ञात व्यक्ति ने छात्रों पर गोलीबारी की। इस घटना में एक छात्र घायल हुआ, जिससे माहौल बिगड़ गया। गुस्साए छात्रों ने टायर जलाए और तोड़फोड़ की, साथ ही सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। ये प्रदर्शन नेपाल और बांग्लादेश में हुए जनरेशन Z विरोधों की तरह प्रतीत हो रहे हैं। पुलिस की मौजूदगी के बावजूद हमलावर को गिरफ्तार नहीं किया गया।
छात्रों की मांगें
छात्र नए ई-मार्किंग सिस्टम और महंगी रीचेकिंग फीस के खिलाफ हैं। इंटरमीडिएट परीक्षा के परिणाम छह महीने की देरी से आने के बावजूद कई छात्रों को बेहद कम अंक मिले हैं। कुछ छात्रों को ऐसे विषयों में पास दिखाया गया जिनकी परीक्षा उन्होंने दी ही नहीं। मीरपुर बोर्ड ने इस प्रणाली की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया है। छात्र रीचेकिंग फीस माफ करने की मांग पर अड़े हुए हैं।
पिछले महीने का आंदोलन
एक महीने पहले भी POK में एक हिंसक आंदोलन हुआ था, जिसमें 12 लोगों की मौत हुई थी। उस समय लोगों ने टैक्स राहत, आटा और बिजली पर सब्सिडी और विकास परियोजनाओं की मांग की थी। सेना की सख्ती के बाद स्थिति बिगड़ गई थी और सरकार को समझौता करना पड़ा। वर्तमान विरोध उसी असंतोष का अगला चरण माना जा रहा है।
JAAC का समर्थन
इस बार आंदोलन को 'ज्वॉइंट अवामी एक्शन कमिटी' (JAAC) का समर्थन प्राप्त हुआ है, जिसने पिछले विरोध का नेतृत्व किया था। JAAC के शामिल होने से आंदोलन को और मजबूती मिली है। अब छात्रों के साथ स्थानीय कर्मचारी और सामाजिक संगठन भी इस आंदोलन में शामिल हो गए हैं।
नेपाल में तख्तापलट की याद
POK का यह छात्र आंदोलन नेपाल और बांग्लादेश में जनरेशन Z विरोध लहर के समान प्रतीत हो रहा है। नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ शुरू हुआ आंदोलन अंततः सरकार के गिरने का कारण बना था। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि पाकिस्तान सरकार ने स्थिति पर ध्यान नहीं दिया, तो यह विरोध राष्ट्रीय स्तर पर फैल सकता है।
