पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की हड़ताल से उड़ानें प्रभावित
                           
                        पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की मुश्किलें
नई दिल्ली: पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) वर्तमान में गंभीर संकट का सामना कर रही है। एयरलाइन के इंजीनियरों ने काम रोक दिया है, जिसके कारण देशभर में उड़ानें रुक गई हैं। इसका मुख्य कारण वेतन में वृद्धि की अनुपस्थिति और कार्य का अत्यधिक दबाव है।
पाकिस्तान हाल के समय में आर्थिक संकट से जूझ रहा है, जिससे स्थिति इतनी खराब हो गई है कि सरकार अपने कर्मचारियों को वेतन देने में असमर्थ है। इस स्थिति का सीधा असर यात्रियों पर पड़ रहा है।
हड़ताल का कारण और उसके प्रभाव
पीआईए के इंजीनियरों ने विमानों को उड़ान भरने की अनुमति देना बंद कर दिया है। उनका कहना है कि पिछले आठ वर्षों से उनकी तनख्वाह में कोई वृद्धि नहीं हुई है। इसके अलावा, स्पेयर पार्ट्स की कमी भी एक समस्या है, फिर भी उन पर उड़ानें मंजूर करने का दबाव डाला जा रहा है। इंजीनियरों की यूनियन ने स्पष्ट किया है कि वे यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालकर प्रबंधन के निर्देशों का पालन नहीं करेंगे।
इस हड़ताल के कारण सोमवार रात आठ बजे के बाद कोई भी अंतरराष्ट्रीय उड़ान नहीं उड़ सकी। कम से कम 12 उड़ानें रद्द हो चुकी हैं, और इस्लामाबाद, कराची और लाहौर जैसे प्रमुख हवाई अड्डों पर सैकड़ों यात्री फंसे हुए हैं, जिनमें उमरा के लिए जाने वाले श्रद्धालु भी शामिल हैं। घरेलू उड़ानें भी प्रभावित हुई हैं, जिससे पूरा शेड्यूल अस्त-व्यस्त हो गया है।
यूनियन के आरोप और सीईओ का बयान
सोसाइटी ऑफ एयरक्राफ्ट इंजीनियर्स ऑफ पाकिस्तान (एसएईपी) ने कहा है कि उनके सदस्य तब तक काम नहीं करेंगे जब तक एयरलाइन के सीईओ अपने व्यवहार में सुधार नहीं करते। यूनियन का आरोप है कि उनकी शिकायतों को पिछले दो महीनों से नजरअंदाज किया जा रहा है।
वहीं, पीआईए के सीईओ ने हड़ताल को गैरकानूनी करार दिया है। उनका कहना है कि यह पाकिस्तान एसेंशियल सर्विसेज एक्ट 1952 का उल्लंघन है। सीईओ का मानना है कि हड़ताल का उद्देश्य एयरलाइन के निजीकरण की प्रक्रिया को बाधित करना है।
PIA की आर्थिक स्थिति
एयरलाइन प्रबंधन अब अन्य कंपनियों से इंजीनियरिंग सहायता प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है। उम्मीद है कि इससे उड़ानें जल्द ही शुरू हो सकेंगी, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि स्थिति कब सामान्य होगी।
PIA पहले से ही आर्थिक संकट में है, और यह हड़ताल उसकी समस्याओं को और बढ़ा रही है। यात्रियों में असंतोष है और एयरलाइन की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रबंधन और यूनियन के बीच बातचीत से कोई समाधान निकलता है या नहीं।
