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पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच गोलीबारी से बढ़ा तनाव

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच शुक्रवार रात हुई गोलीबारी ने पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति को और बढ़ा दिया है। अफगान तालिबान ने पाकिस्तान पर हमले का आरोप लगाया, जबकि पाकिस्तान ने अफगान सेना को जिम्मेदार ठहराया। इस घटना में घायलों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन किसी की मौत की सूचना नहीं है। दोनों देशों के बीच पिछले महीने हुए युद्धविराम समझौते के बावजूद, सुरक्षा चिंताएँ बनी हुई हैं। जानें इस घटना के पीछे के कारण और दोनों पक्षों के बीच के आरोप-प्रत्यारोप के बारे में।
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पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच गोलीबारी से बढ़ा तनाव

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति

शुक्रवार की रात को पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हुई भारी गोलीबारी ने पहले से ही तनावपूर्ण माहौल को और बिगाड़ दिया। अधिकारियों के अनुसार, यह घटना शांति वार्ता के विफल होने के बाद हुई। हालांकि, अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है। अफगान तालिबान के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने पाकिस्तान पर कंधार प्रांत के स्पिन बोल्डक क्षेत्र में हमले का आरोप लगाया। इसके जवाब में, पाकिस्तान ने कहा कि चमन सीमा पर बिना किसी उकसावे के फायरिंग के लिए अफगान सेना जिम्मेदार है।


घायलों की संख्या और आरोप-प्रत्यारोप

‘डॉन’ समाचार पत्र के अनुसार, जिला अस्पताल में घायलों को लाने की सूचना मिली है, लेकिन इस गोलीबारी में किसी की मौत नहीं हुई है। दोनों पक्षों के अधिकारियों ने एक-दूसरे पर बलूचिस्तान प्रांत की सीमा पर गोलीबारी का आरोप लगाया। पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि अफगान बलों ने बदानी क्षेत्र में मोर्टार दागे, जबकि तालिबान प्रवक्ता ने पाकिस्तान पर हमले का आरोप लगाया।


चिकित्सा सहायता और आधिकारिक बयान

चमन जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि एक महिला समेत तीन घायलों को अस्पताल लाया गया है। पाकिस्तान की सेना की मीडिया शाखा या विदेश कार्यालय ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। चमन सीमा को ‘फ्रेंडशिप गेट’ के नाम से भी जाना जाता है, जो बलूचिस्तान प्रांत को अफगानिस्तान के कंधार से जोड़ता है।


युद्धविराम समझौता और सुरक्षा चिंताएँ

पिछले महीने, दोनों देशों ने तनाव के बाद युद्धविराम समझौते पर सहमति जताई थी, लेकिन पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा कि यह समझौता तकनीकी रूप से लागू नहीं है। इसका कारण यह है कि यह अफगान तालिबान द्वारा पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों को रोकने पर निर्भर करता है, जिसमें वह असफल रहा है। पाकिस्तान का कहना है कि अफगान भूमि से ऑपरेट करने वाले मिलिटेंट्स ने हाल ही में देश के अंदर हमले किए हैं, जिसमें आत्मघाती बमबारी भी शामिल है।


पिछले संघर्षों का संदर्भ

अक्टूबर में हुई झड़पों में कई लोग मारे गए थे, जो 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्ज़ा करने के बाद से सीमा पर हुई सबसे गंभीर हिंसा थी।